सरकारी व निजी अस्पतालों में सभी आक्सीजन प्लांट क्रियाशील: डा. चौधरी
सरकारी व निजी अस्पतालों में सभी आक्सीजन प्लांट क्रियाशील: डा. चौधरी
-निजी आक्सीजन प्लांट संचालक बोले, हर परिस्थिति से निपटने का इंतजाम है हमारे पास
मेरठ। जनपद में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मुस्तैदी और बढ़ा दी है। विभाग कोरोना के पिछली बार के अनुभव के आधार पर हर परिस्थिति से निपटने की योजना बनाकर चल रहा है। इसी क्रम में सरकारी व गैर सरकारी आक्सीजन प्लांट्स को पूरी तरह क्रियाशील किया जा चुका है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस बार आॅक्सीजन की किसी भी हाल में किल्लत नहीं होगी।
जनपद में आॅक्सीजन की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी डा. विश्वास चौधरी ने बताया, संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिये विभाग पूरी तरह तैयार है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में लगे सभी आॅक्सीजन प्लांट पूरी तरह से क्रियाशील हैं। मेरठ जिले में 29 आॅक्सीजन प्लांट लगे हैं। इसमें 12 सरकारी हैं। 17 आॅक्सीजन प्लांट निजी अस्पतालों में लगे हैं। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सभी निजी अस्पतालों को अब आॅक्सीजन प्लांट लगाना जरूरी है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान निजी चिकित्सालयों में लोकप्रिय, केएमसी, आनंद हॉस्पिटल, मेडविन में ही आॅक्सीजन प्लांट थे। लेकिन अब न्यूट्रिमा, सुशीला जसवंत राय आदि अस्पतालों में आॅक्सीजन प्लांट लगा दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त जिला अस्पताल, मेरठ कैंट हॉस्पिटल, मेडिकल कालेज, सीएचसी मवाना, दौराला, खरखौदा, किठौर आदि स्थानों पर आॅक्सीजन प्लांट चालू हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त 591 आक्सीजन कंसंट्रेटर भी मौजूद हैं। इसके अतिक्ति कई सनिजी आक्सीजन प्लांट भी क्रियाशील हैं।
किसी भी हालात से निपटते को तैयार
बिजौली स्थित मेरठ मेडिआक्सी प्लांट के संचालक सौरभ केन का कहना है। उनके यहां पर मेडिकल आॅक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइआक्साइड, आर्गन व इंडस्ट्रीयल कार्बन डाई आॅक्साइड का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया उनके प्लांट में प्रतिदिन एक हजार से अधिक सिलेंडर आपूर्ति करने की क्षमता है। जरूरत पड़ने पर प्रति दिन 2800 डी टाइप आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति इसी प्लांट से की जा सकती है। उन्होंने कहा किसी भी हालात से निपटने के लिए वह तैयार हैं।
आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति व्यवस्था
परतापुर इनॉक्स आॅक्सीजन के संचालक रोहित का कहना है मेरठ, नोएडा व दिल्ली उनके आक्सीजन के कई प्लांट हैं। जरूरत पड़ने पर आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति की व्यवस्था है।
मानव संसाधन का विकास विवि का मुख्य कार्य: प्रो. शुक्ला
-सृजन संचार और यूपीआईडी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ वेबिनार
मेरठ। तकनीकी ज्ञान में दक्षता आज के युवाओं की सफलता की गारंटी है। इंडस्ट्री की आवश्यकताओं को पूरा करने में विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विवि तकनीकी संवर्धन, नवाचार एवं मानव संसाधन विकास का प्रमुख केन्द्र होते हैं। सीसीएसयू इस ओर प्रयास कर रहा है तथा आवश्यकतानुसार ऐसे महत्वपूर्ण उपक्रमों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध भी है। यह विचार कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने सृजन संचार और यूपीआईडी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एडवांटेज गाजियाबाद नामक वेबिनार में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण आधारभूत ढांचा और आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित लैब में ट्रेनिंग कराते हुए उनके लिए इंडस्ट्री में पर्याप्त अवसर उपलब्ध करा रहा है। हम इस क्षेत्र में हम अपने विश्वविद्यालय के संयोजन से और प्रगति कर सकते हैं। आवश्यकतानुसार ऐसी इंडस्ट्रियों से एमओयू भी शीघ्र ही किये जाएगें। इसके अतिरिक्त पाठ्यक्रमों में भी आवश्यक संशोधन करते हुए उन्हें अद्यतन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के शिक्षक और इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का भी आदान-प्रदान किया जाएगा। प्रोफेसर शुक्ला ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में चल रहे पाठ्यक्रमों पर विशेष बल दिया जाएगा तथा ऐसे पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से इंडस्ट्री के हिसाब से तैयार किया जायेगा। विश्वविद्यालय का यह प्रयास रहेगा कि कि इस प्रकार के एमओयू से अकादिमक और इंडस्ट्री के बीच समन्वय स्थापित हो सकेगा। इससे न केवल विद्यार्थियों को रोजगार के नए अवसर प्रदान होंगे बल्कि उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे देश के विकास में भी वे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला ने कहा कि हमें अपने विद्यार्थियों को तकनीकी एवं कौशल की दृष्टि से दक्ष करने के लिए इंडस्ट्री की सहायता की आवश्यकता हो तो उसे लेते हुए विद्यार्थियों के लिए हर वह कार्य किया जाएगा जो पाठ्यक्रम की आवश्यकता तथा कौशल विकास के लिये आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक तौर पर गाजियाबाद एवं नोएडा के दो बड़े कॉलेजों को इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुरूप विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए केन्द्र बनाया जाएगा। इन केन्द्रों पर 50 से 100 विद्यार्थी ट्रेनिंग लेंगे। इस वेबिनार में एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनीत कंसल ने भी विचार व्यक्त किये तथा नीरज सिंघल, शैलेन्द्र जायसवाल, साकेत अग्रवाल, रचना मुखर्जी, राज शेखर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।