पत्नी की छुरी से काटकर हत्या करने वाले पति को उम्रकैद की सजा

मुजफ्फरनगर में महिला की हत्या के 3 वर्ष बीतने के बाद फैसले की घड़ी आई, जिसमे अदालत ने पत्नि के हत्यारे को आजीवन कारावास के साथ जुर्माने की सजा भी सुनाई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सतेन्द्र कुमार व राजेश कुमार जानकारी देते हुए बताया कि जहांगीर पुत्र यामीन निवासी खालापार ने सिविल लाइन थाने पर 16 सितम्बर 2017 को मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी बेटी सितारा की शादी नौशाद पुत्र रियाज निवासी मौहल्ला मल्हूपुरा के साथ लगभग 16 वर्ष पूर्व हुई थी । वादी पक्ष के मुताबिक नौशाद सितारा पर बदचलनी का आरोप लगाकर यातना देता था और दहेज के रूप में पैसों की मांग करता था । जिसमें वादी ने नौशाद को अतिरिक्त दहेज के रूप में पैसा भी दिया और नौशाद को सऊदी अरब भेजने का खर्च भी उठाया ।
आरोप है कि वर्ष 2017 के 16 सितम्बर को उसके सूचना मिली की उसकी बेटी सितारा की उसके पति नौशाद ने छुरा घोंप कर हत्या कर दी । जिसके बाद वे अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बेटी की ससुराल पहुंचे तो उनकी बेटी की रक्तरंजित लाश पड़ी थी। आस पड़ोस के लोगो ने बताया कि उनके दामाद ने ही छुरी से अपनी पत्नी का कत्ल किया है। जिसका मुकदमा कोतवाली पर दर्ज कराया गया। इस मुकदमें की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामसुध सिंह की अदालत संख्या 5 में हुई । जिसमें सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार व सतेंद्र कुमार ने अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमा सिद्ध करने के लिए 9 लोगों की गवाही कराते हुए अपनी दलील व सबूत पेश किये। मौके के गवाह पेश किये गए। न्यायाधीश ने दोनो पक्षों की दलील व सबूतों के साथ गवाहों के बयानात पर गौर करते हुए हत्यारोपी नौशाद को उसकी पत्नि सितारा की हत्या करने का दोषी करार देते हुए धारा 302 के तहत आजीवन कारावास के साथ 25 हजार रूपया जुर्माना व आर्म्स एक्ट की धारा 25/4 के तहत एक वर्ष का कारावास व एक हजार रूपया के जुर्माना की सजा सुनाई है । इसी के साथ कातिल पति को पुलिस हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वही दूसरी और अभिषेक यादव के हवाले से मीडिया सेल द्वारा अवगत कराया गया कि 2017 में सिविल लाइन थाने में दर्ज हत्या के मुकदमे में मॉनिटरिंग सेल द्वारा न्यायालय में प्रभावी पैरवी की गयी। गवाहों की समय से पूर्ण सुरक्षा के साथ गवाही सुनिश्चित कराई गई जिसके परिणाम स्वरूप स्पेशल गैंगेस्टर कोर्ट नं0-05 के न्यायाधीश रामसुध सिंह द्वारा कातिल को आजीवन कारावास व 2500 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। मोनिटरिंग सेल की पैरवी के चलते यहां लगातार बदमाशो को कड़ी सजा मिल रही है।