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विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान का आधार मानव: प्रो. विमला

-सीसीएसयू में हुआ 14 दिवसीय उद्घाटन सत्र का आयोजन
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कांशीराम शोध पीठ एवं इंडियन इकॉनामिक एसोसिएशन के सौजन्य से शनिवार को सामाजिक एवं मानविकी विज्ञान में शोध प्रविधि एवं समंक विश्लेषण तकनीक विषय पर 14 दिवसीय उद्घाटन सत्र का आयोजन आॅनलाइन तथा आॅफलाइन दोनों मोड में किया गया, जिसमें विभिन्न प्रदेशों के कुलपति सम्मिलित हुए। जिनमें प्रो. एमएम गोयल, प्रो. एडीएन वाजपेयी, कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, उप कुलपति प्रो. वाई विमाला, प्रो. पीके चौबे, प्रो. एनसी लोहानी, प्रो. अनीता राठी रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. दिनेश कुमार ने किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने एफडीपी के महत्व की चर्चा करते हुए सामाजिक अध्ययन के विभिन्न आयामों पर विशेष महत्व दिया। प्रो. पीके चौबे ने अपने सम्बोधन में सामाजिक विज्ञान के दर्शन के विभिन्न आयामों को भारतीय संस्कृति के माध्यम से विस्तृत रूप से समझाया। उन्होंने बताया कि नियति और चरति ही सामाजिक शोध का मूल है। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में आंकड़ों के महत्व पर भी चर्चा की। प्रो. एडीएन वाजपेयी ने सामाजिक अध्ययन की शोध विधियों के अंर्तगत दर्शन के महत्व तथा वर्तमान परिदृश्य में आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। प्रो. एमएम गोयल ने कहा कि भष्टाचार, उपभोक्तावाद तथा स्वार्थ ही सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए सतर्कता जाग्रति और जागरूकता के साथ नीडोनॉमिक्स को अपनाना होगा। उन्होंने अनुसंधान की गुणवत्ता तथा आधारभूत संरचना के महत्व को भी स्पष्ट किया। प्रो. वाई विमाला के अनुसार विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान का आधार मानव ही है। कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों से आॅनलाइन व आॅफलाइन दोनों मोड में 165 लोगों ने प्रतिभागिता की। इस कार्यक्रम का समापन 15 मार्च को आॅफलाइन मोड में किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रो. जसबीर सिंह, डॉ. ममता सिंह, डॉ. सविता तोमर, डॉ. रंजू नारंग, प्रो. विजय जयसवाल, प्रो. बीरपाल, प्रो. जमाल अहमद सिद्दीकी, प्रो. अजय विजय कौर, प्रो. आलोक कुमार, प्रो. संजय कुमार, डॉ. ललित कुमार, डॉ. सपना जैन, डॉ. रूपेश त्यागी, डॉ. कविता गर्ग, डॉ. भूपेन्दर सिंह, शाहीन अदि रहें।

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