अपना मुज़फ्फरनगर

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बंद, रातो रात कंपनी भागी

-रोल्स इंडिया वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट ब्लैक लिस्ट, रिकवरी की तैयारी
मुजफ्फरनगर। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी रातों रात गायब हो गई। एटूजेड मैनेजमेंट प्लांट पर ताला पड़ गया है। प्लांट संचालित करने वाली कंपनी रोल्ज इंडिया वेस्ट मैनेजमेंट को पालिका ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है। अब शहर में कूड़ा निस्तारण कर उससे खाद बनाने का इरादा मात्र सपना बन गया है। कंपनी पालिका से 57 लाख रुपए का भुगतान प्राप्त कर रफू चक्कर हो गई। ऊर्जा निगम भी बकाया विद्युत बिल भुगतान को कंपनी को तलाश रहा है। कंपनी को रिकवरी भेजने की तैयारी की जा रही है। शहर में कूड़ा निस्तारण के लिए करीब पीपीपी माडल पर 2008 में एक ड्रीम प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू हुआ था। नगरपालिका परिषद ने केन्द्र, राज्य और पालिका के स्तर से संयुक्त प्रोजेक्ट के रूप में एटूजेड इन्फ्रास्ट्रक्चर कानपुर के साथ मिलकर किदवई नगर में अपनी 84 बीघा भूमि पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित कराया था। साल 2011 में इस प्लांट का शुभारंभ हुआ। दावा किया गया कि कूड़े से खाद बनाने के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के कारण अब शहर में गंदगी नजर नहीं आएगी। लेकिन 11 साल के बाद आलम यह है कि प्लांट दो बार शुरू होकर फिर से बंद हो चुका। दूसरी कंपनी भी पालिका को आर्थिक क्षति देकर रफू चक्कर हो हो गई। अब पालिका इस कंपनी को तलाशने के लिए भागदौड़ कर रही है। अफसरों को कंपनी का पता नहीं लग पा रहा है। नगर पालिका ने केंद्र और राज्य सरकार की मदद से 2011 में कूड़े से खाद बनाने के लिए सॉलिड वेस्ट प्लांट की स्थापना कराई थी। उस दौरान 13 करोड़ खर्च हुए थे। प्लांट तैयार होने के बाद चलाने की जिम्मेदारी एटूजेड कंपनी को दी गई थी। संस्था को घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा कर अपने संसाधनों से प्लांट तक ले जाकर खाद तैयार करनी थी। एग्रीमेंट के बावजूद एटूजेड ने कूड़े का उठान नहीं कराया। ऐसे में कुछ दिन तक नगर पालिका अपने संसाधनों से कूड़ा पहुंचाती रही। बाद में प्लांट के बिजली बिल भुगतान और अन्य मद के भुगतान को लेकर निकाय और कंपनी के बीच मतभेद हो गए और प्लांट में ताला बंद कर कंपनी चली गई। वर्ष 2018 से प्लांट में ताला बंद रहा तो प्लांट के कीमती पुर्जे चोरी हो गए हैं। एक समय में प्लांट का सिर्फ ढांचा खड़ा नजर आने लगा था। नगर पालिका ने प्लांट परिसर में मशीनरी बंद हो जाने के कारण इस प्लांट को कूड़ा डंपिंग सेंटर बना दिया। इसके बाद पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने इस प्लांट को पुनः शुरू कराने के लिए कदम आगे बढ़ाया। अक्टूबर 2020 की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव संख्या 345 के तहत नई कंपनी को बुलाकर प्लांट को चालू कराने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद टेंडर हुए और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को चलाने के लिए गाजियाबाद की कंपनी रोल्ज इंडिया वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को टैंडर हुआ और कंपनी के साथ पालिका के अधिशासी अधिकारी द्वारा 14 अक्टूबर 2020 को एग्रीमेंट किया गया। इसमें 297 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से कंपनी को कूड़ा निस्तारण के लिए भुगतान करने का करार पालिका प्रशासन ने किया। कंपनी को प्लांट को चलाने के लिए मशीनरी की मरम्मत के लिए न्यूनतम दर के आधार पर 39.50 लाख रुपये का भुगतान भी पालिका प्रशासन को करना पड़ा। इसके बाद फरवरी 2021 में इस प्लांट को नई उम्मीद, नई ऊर्जा और नए उद्देश्य के साथ मंत्री कपिल देव अग्रवाल और पालिका अध्यक्ष अंजू अग्रवाल के द्वारा चलाया गया था। कुछ महीने तक यह प्लांट सुचारू रूप से चला, लेकिन फिर इसको लेकर विवादित शुरू हो गया और कंपनी ने प्लांट चलाने से हाथ खींचने शुरू कर दिये। प्लांट को बंद कर दिया गया। जुलाई से लगातार प्लांट तभी से बंद चला रहा है। इस बीच कंपनी को कूड़ा निस्तारण के लिए पालिका प्रशासन द्वारा 17.50 लाख रुपए का और भुगतान किया गया। इस तरह से कंपनी पालिका से 57 लाख रुपए का भुगतान पाकर फरार हो चुकी है। पालिका प्रशासन लगातार कंपनी के प्लांट मैनेजर अंकित अग्रवाल की तलाश करने में जुटा रहा, लेकिन उनको कोई पता नहीं चला है। अब पालिका प्रशासन ने कंपनी को भगौड़ा घोषित करते हुए वसूली के साथ ही कानूनी कार्यवाही के लिए प्रक्रिया शुरू की है। अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह ने बताया कि कंपनी प्लांट को बंद कर भाग चुकी है। उसको ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए कंपनी को पूर्व में कई बार नोटिस दिये जा चुके हैं। कंपनी को किए गए भुगतान के लिए कंपनी द्वारा जमा एफडी 4 लाख रुपए को भी पालिका के पक्ष में जब्त कर लिया गया है। कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के साथ ही रिकवरी की तैयारी की जा रही है। फिलहाल प्लांट बंद पड़ा हुआ है। कूड़ा निस्तारण पालिका अपने स्तर से करा रही है। प्लांट पर कूड़े के ढेर लगने के कारण वहां पर खाली की गयी भूमि भी कम पड़ने लगी है। इस मामले में पालिका के जोनल सेनेटरी आफिसर राजीव कुमार ने बताया कि प्लांट कई महीनों से बंद पड़ा हुआ है। इसके लिए कंपनी को मार्च माह में नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों में प्लांट को चालू करने के लिए निर्देश दिया गया था। इसके साथ ही प्लांट का बकाया विद्युत बिल जमा कराने को भी कहा था। ऐसा न करने पर ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी दी गयी थी। ऐसे में कंपनी द्वारा कोई उत्तर नहीं देने पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की भी तैयारी हम कर रहे हैं।

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