IPS मंज़िल सैनी को श्रवण साहू हत्याकांड में लापरवाही का दोषी माना CBI ने, दंगे में मुज़फ़्फ़रनगर से हटाई गई थी लेडी सिंघम

मुज़फ्फरनगर में 2013 तक तैनात रही आईपीएस मंजिल सैनी हत्या के मामले में फंस गई है.लखनऊ के चर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की जांच में मंजिल सैनी को श्रवण साहू की सुरक्षा में लापरवाही बरतने का दोषी माना गया है. CBI ने यूपी के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मंजिल सैनी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है.
दरअसल 1 फरवरी 2017 को लखनऊ के सआदतगंज इलाके में व्यापारी श्रवण साहू को बाइक सवार बदमाशों ने दुकान में घुसकर गोली मार दी थी. इस वारदात में उनकी हत्या हो गई थी. इससे पहले अक्टूबर 2013 में लखनऊ के हिस्ट्रीशीटर अकील अंसारी ने श्रवण साहू के बेटे आयुष की गोली मारकर हत्या कर दी थी. ठाकुरगंज इलाके में हुई बेटे की हत्या के मामले में श्रवण साहू लगातार पैरवी कर रहे थे. आरोप था की जेल में बंद अकील अंसारी की तरफ से श्रवण साहू को बयान से मुकरने और केस में पैरवी ना करने के लिए लगातार धमकी दी जा रही थी. फोन पर मिल रही धमकियों के बारे में श्रवण साहू ने लखनऊ की तत्कालीन SSP मंजिल सैनी से मुलाकात भी की थी. उन्होंने सैनी से सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी. लेकिन श्रवण साहू को सुरक्षा नहीं दी गई. इसके विपरीत आयुष साहू हत्याकांड के आरोपियों ने एक साजिश के तहत श्रवण साहू पर ही केस दर्ज करा दिया था. फरवरी 2017 में श्रवण साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
अखिलेश ने दिया था CBI जांच का आदेश
चुनावी माहौल के बीच लखनऊ में हुई हत्या के मामले में तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने CBI जांच के आदेश दिए थे. CBI की लखनऊ स्टेट क्राइम ब्रांच यूनिट ने जांच शुरू की थी. शुरुआती जांच में ही अगस्त 2017 को तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी से भी CBI ने पूछताछ की थी. CBI पहले ही श्रवण साहू हत्याकांड के मुख्य आरोपी अकील अंसारी समेत 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
फ़िलहाल मानवाधिकार आयोग में तैनात हैं सैनी
जांच एजेंसी ने श्रवण साहू की सुरक्षा में लापरवाही बरतने और जेल में बंद हत्या आरोपी के साहू को फर्जी केस में फंसाने के मामले में SSP मंजिल सैनी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. जानकारी के मुताबिक CBI ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मंजिल सैनी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की संस्तुति की है. 2005 बैच की IPS मंजिल सैनी वर्तमान में डीआईजी हैं और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में तैनात हैं.इससे पहले 2013 के मुज़फ्फरनगर दंगे के दौरान उन्हें लापरवाह मानते हुए हटाया गया था.