!! बड़े भिखारी !!

Jhalak Aggarwal jheel
चार लोग कह रहे थे
आपके तो मजे आ गए
बेटे की ससुराल से
पहले त्योहार जो आएंगे
तो देखिए समधनजी
ये त्योहार तो आएगा ही आएगा..
हा हा हा
शान ओ शौकत से
विवाह करने के पश्चात
एक बेटी के मां बाप कर्जदार
हो ना हो
लेकिन एक बेटे के मां बाप
ज़रूर भिखारी बन जाते हैं ,,
परिवार के लोगों की मिलनी,
वस्त्र, स्वर्ण आभूषण, मुद्राएं
एसी, फ्रिज , टीवी, गाड़ी,
घर की सभी सुख सुविधाएं
और इतना ही नहीं बल्कि
एक साल के सारे त्योहार
वो भी आवश्यक रूप से,
गज़ब का संसार है
कि कोई भीख देकर
दिखावा करता है
और कोई उस दी हुई
भीख का दिखावा करता है,,
ये कहना अनुचित नहीं होगा
कि एक पुत्री की विवाह में
माता पिता से बड़ा दानी कोई नहीं
और एक पुत्र के विवाह में
उनसे बड़ा भिखारी भी कोई नहीं,,
पिताओं से अनुरोध है कि
अपनी बेटियों को उचित रूप
से शिक्षित कर
एक समर्थ और स्वाभिमानी
परिवार के साथ
उसका संबंध स्थापित करना चाहिए ,,
जिसका उद्देश्य
समाज में दिखावा करना नहीं
अपितु अपनी पत्नी की सहायता से
रूढ़िवादी मान्यताओं का निषेध कर
एक आशावादी समाज का निर्माण करना हो
बजाय किसी ऐसे असमर्थ व्यक्ति के
जो अपना आत्मसम्मान बेचकर
आपकी बेटी की खुशियों का
आपसे व्यापार करता हो,,,
और अगर ये समाज
ऐसा ही होता है तो
मैं गर्व के साथ कहती हूं
कि हां मैं हूं,,,
आपके इस सुसंस्कृत समाज की
समाज द्रोही कवियत्री,,
इस सुसंस्कृत समाज की
समाज द्रोही कवियत्री !!!
~ झील