डीजल घोटाले के बाद पालिका चैयरपर्सन का कड़ा रुख, बदला पेट्रोल पम्प
शामली रोड स्थित पेट्रोल पम्प से वाहनों को दिया जा रहा है तेल

नगर पालिकाध्यक्ष ने स्वयं मौके पर पहुंचकर था डीजल घोटाला
मुजफ्फरनगर। पालिकाध्यक्ष के द्वारा पिछले दिनों पकडे गए डीजल घोटाले के बाद अब नगर पालिका ने पेट्रोल पम्प को बदल दिया है। पालिकाध्यक्ष ने शामली रोड स्थित पेट्रोल पम्प से नगर पालिका ने वाहनों के लिए डीजल लेना शुरू किया है। पालिका के कुछ अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोल पम्प इसलिए बदलना पड़ा है मेरठ रोड स्थिति जिस पेट्रोल पम्प से नगर पालिका डीजल ले रही थी वह पेट्रोल पम्प बंद हो गया है। यह पेट्रोल पम्प बंद होने के कारण नगर पालिका अपने वाहनों के लिए शामली रोड स्थित कृष्णा फिलिंग सेंटर पेट्रोल पम्प से डीजल ले रही है। पिछले दिनों नगर पालिका में डीजल घोटाला सामने आया था। प्रतिमाह लाखों रुपये के डीजल की हेराफेरी हो रही थी। नगर पालिका में डीजल को लेकर डुप्लीकेट पर्चियों खेल चल रहा था। पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने स्वयं इस मामले में गड़बड़ी पकड़ी थी। नगर पालिका के अफसरों की नाक के नीचे ही ये सारा खेल चलता रहा था, लेकिन किसी को कोई भी भनक नहीं लगी। इसमें पेट्रोल पम्प के कुछ कर्मियों की भी मिलीभगत सामने आयी। प्रतिमाह वाहनों में डीजल भरने के नाम पर फर्जीवाडा किया जाता रहा और लाखों रुपये की आर्थिक क्षति पालिका को पहुंची। पालिका में प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण के लिए लगे वाहनों, जेसीबी मशीन, लोडर और अन्य वाहनों के संचालन के लिए डीजल दिया जाता है। इसके लिए पालिका प्रशासन के द्वारा मेरठ रोड पर सेंट्रल बैंक के सामने स्थित हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कंपनी के पेट्रोल पम्प यूनाइटेड ऑटोमोबाइल्स से एग्रीमेंट किया गया। इस पेट्रोल पम्प से प्रतिदिन सुबह कूड़ा निस्तारण के लिए पालिका के करीब 55 वाहनों को डीजल दिलवाया जाता है। इनमें 25 गारबेज टिपर वाहन, चार जेसीबी मशीन, तीन रोबोट मशीन, दो लोडर, छह ट्रेक्टर, छह डम्फर और अन्य वाहन शामिल हैं। डीजल की पर्ची की देखरेख का जिम्मा पालिका के जोनल सेनेट्री ऑफीसर राजीव कुमार का रहा। राजीव कुमार के निर्देशन में ही वाहनों को डीजल की आपूर्ति पेट्रोल पम्प के कर्मचारियों द्वारा की जाती है। इसके लिए पालिका द्वारा एक निर्धारित कंम्प्यटराइज्ड पर्ची को टोकन के रूप में प्रयोग किया जाता है। प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण, नालों की सफाई और अन्य कार्यो के लिए पालिका प्रशासन को 500 से 600 लीटर डीजल की खरीद करनी पड़ रही है। यानि की प्रतिदिन दिन 50 हजार रुपये से ज्यादा का डीजल शहरी कूड़ा निस्तारण व सफाई व्यवस्था के मद में पालिका प्रशासन द्वारा वाहनों के संचालन के लिए खर्च किया जा रहा है। इसी डीजल खरीद में बड़ा घोटाला सामने आया। पालिका के स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार प्रतिदिन पालिका से एक जेसीबी मशीन के लिए सात लीटर प्रति घंटा, रोबोट मशीन को छह लीटर प्रति घंटा, डम्फर को छह लीटर प्रति चक्कर, ट्रैक्टर को पांच लीटर प्रति चक्कर के हिसाब से डीजल दिया जाता है। इसी डीजल खपत में बड़ी हेराफेरी का मामला सामने आया। पेट्रोल पम्प पर डुप्लीकेट डीजल पर्ची के माध्यम से डीजल घोटाला किया जाता रहा है। इस घोटाले को लेकर गत दिवस चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने यूनाइटेड ऑटोमोबाइल्स एचपी पेट्रोल पम्प का निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने डीजल लेने के आये वाहन चालकों से भी बातचीत की। डम्फर और ट्रैक्टर ट्राली के चालकों से कूड़ा कहां कहां से कितने चक्कर में उठाया जाता है? जैसे सवालों पर जवाब मांगे गये। पूरी पड़ताल करते हुए पालिकाध्यक्ष ने पेट्रोल पम्प के मैनेजर को बुलाकर इस बात पर आपत्ति जताई की डुप्लीकेट पर्ची के माध्यम से डीजल देकर बड़ी धांधली की जा रही है। इसको लेकर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए पेट्रोल पम्प बदलने के साथ ही कार्यवाही की चेतावनी दी और व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिये । व्यवस्था न सुध् रने पर पालिकाध्यक्ष ने नगर पालिका प्रशासन को पेट्रोल पम्प बदलने के भी निर्देश दिए । अब नगर पालिका कुछ दिन पहले इस पेट्रोल पम्प को बदल दिया है। पालिकाध्यक्ष ने शामली रोड स्थित कृष्णा फिलिंग सेंटर पेट्रोल पम्प के साथ तेल लेने के लिए अनुबंध किया है। इन वाहनों पर पालिका प्रशासन के द्वारा निगरानी भी रखी जा रही है।