हुआ ऐलान:- भाकियू का नया धड़ा कोई चुनाव नही लड़ेगा

शुरू के साढ़े चार साल आन्दोलन करेंगे और आखिर के छः महीने चुप्पी साधेंगे: राजेन्द्र
हमारा संगठन बनाने का उद्देश्य बालियान खाप को तोड़ना या संगठन में बिखराव पैदा करना नहीं: धर्मेन्द्र मलिक
मुजफ्फरनगर में नवगठित भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता गठवाला खाप के चौधरी राजेन्द्र मलिक ने पत्रकारों को बताया कि पुराने भारतीय किसान यूनियन संगठन के अनेक लोग समय-समय पर चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उन्होंने निर्णय लिया है कि उनके संगठन का कोई सदस्य यदि चुनाव लड़ेगा तो उसकी संगठन में वापसी नहीं होगी। महावीर चौक स्थित एक रेस्टोरेन्ट में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजेन्द्र मलिक ने कहा कि ज्यादातर किसान संगठनों के नेता किसानों की चार पांच समस्याओं पर ही बात करते है। लेकिन नया किसान संगठन जिला स्तर पर विभाग किसानों से बातचीत करके फसलो की जानकारी लेकर सरकार को रिपॉट देगा पहले हम सरकार से बातचीत करेगें यदि बात नहीं बनी तो फिर आन्दोलन करेंगे। उन्होंने अन्य किसान संगठनो पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ज्यादातर संगठन चुनाव से तीन माह पहले सक्रिय होकर हो हल्ला मचाते है। बाकी समय मे वे चुप्पी साध लेते हैं। लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे हम शुरू के साढ़े चार साल के आन्दोलन करेंगे और आखिर के छः महीने चुप्पी साधेंगे। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि दिल्ली में पिछले दिनो चलाए गए किसान आन्दोलन के संदर्भ में अनेक ऐसे कारण रहे जिस कारण कृषि कानूनों की वापसी और किसानो की घर वापसी संभव हुई है। उन्होंने संकेत दिया कि अन्य समान विचारधारा वाले संगठनों से उनका दल हाथ मिलाने से गुरेज नहीं करेगा। नई भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने पत्रकारों को बताया कि नलकूप मीटर लगाने के मामले पर पश्चिमांचल विद्युत कम्पनी के एमडी से शीघ्र वार्ता के की जाएगी। उन्होंने किसानों से कहा कि छोटे-छोटे चकों पर टयूबवैल लगाने की होड खत्म हो और सरकार से मांग की जाएगी की हर 500 बीघे का एक चक बनाकर उस पर एक निजी नलकूप के माध्यम से सिंचाई करायी जाए और सरकार ओटीएस योजना लागू कर नलकूपों को निःशुल्क बिजली प्रदान करे और डीजल पर भी किसानो को अनुदान दिया जाए। उन्होंने किसानों से आहवान किया कि देश में निर्यात की पर्याप्त संभावनाए हैं अतः पढ़े लिखे किसानो को खेती में आगे आना चाहिए। धर्मेन्द्र मलिक ने पत्रकारों से कहा की किसी भी संघर्ष का हल सडको पर धरना प्रदर्शन करने से नहीं निकलता इसके लिए परस्पर संवाद जरूरी है।
धर्मेन्द्र मलिक मलिक ने सिसौली में उमेश मलिक के साथ हुई घटना पर खापों का धन्यवाद देते हुए कहा कि यदि खापो को तोड़ने की बात होती, तो वह प्रकरण और भी बढ़ाया जा सकता था, लेकिन सभी ने मिलकर उस पूरे प्रकरण को खाप का रंग नहीं लगने दिया था। वह समाज हित में काम करते हैं। हमारा संगठन बनाने का उद्देश्य बालियान खाप को तोड़ना या संगठन में बिखराव पैदा करना नहीं है, बल्कि हमारी लड़ाई किसानों के मुद्दों को लेकर जारी रहेगी, जिसके लिए हम अपनी कार्यकारिणी गठित करेंगे और अपनी नीतियां उस कार्यकारिणी के साथ बैठकर बनाएंगे। इस अवसर पर गुडियान खाप के चौधरी सचिन, निर्वाल खाप के राजबीर, बेनीवाल खाप के अमित थाम्बेदार, भीम सिह सिसौली तथा जगवीर सिह फौजी भी उपस्थित रहे।
धरने प्रदर्शन से प्रदेश के किसानों को कुछ नहीं मिला: राजेन्द्र मलिक
गठवाला खाप चैधरी एवं नवगठित भाकियू के संरक्षक राजेन्द्र सिंह मलिक ने कहा कि आज समाज को भ्रमित किया जा रहा है। एक मार्च 1987 को भारतीय किसान यूनियन बनी थी। उनके रिश्ते का भाई जयपाल सिंह और सिंभालका का अकबर अली शहीद हुए थे। भारतीय किसान यूनियन के प्रत्येक आंदोलन में उनका सहयोग रहा। लेकिन कोई भी निर्णय लेते समय उनसे कुछ नहीं पूछा गया। कहा की महेन्द्र सिंह टिकैत महान विचारों वाले व्यक्ति थे। नरेश टिकैत एक खाप के मुखिया हैं, इस नाते उनका सम्मान करते हैं करते भी रहेंगे। प्रचार किया जा रहा है कि बालियान खाप की पगड़ी छीनने की कोशिश की जा रही है। जबकि एसा कुछ संभव नहीं होता। उनसे पहले सुरक्षा को वह खड़े हैं। बाबा महेन्द्र सिंह टिकैत के गुजरने के बाद से भाकियू में मनमानी चल रही है। राजेन्द्र मलिक ने कहा कि किसी से कुछ नहीं पूछा गया। कब धरना दिया कब खत्म कर दिया। इन धरने प्रदर्शन से प्रदेश के किसानों को कुछ नहीं मिला। एक उपलब्धि गिनाकर दिखाएं। अब हमारे पास भी अपना संगठन हैं, वह उसे चलाएं हम अपना संगठन चलाएंगे। जो संगठन किसान, मजदूर के लिए जितना अच्छा कार्य करेगा वह उतना की मान्य होगा।