अल्पसंख्यक क्षेत्रो में बने कॉलिजो की सुध ली, MLA पंकज मलिक ने उठाया था सवाल

लखनऊ। विधानसभा में मामला उठते ही शासन ने अल्पसंख्यक क्षेत्रों में स्थापित इंटर कॉलेजों की सुध ली है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम ने जिले के 4 ऐसे कॉलिजो में नवप्रवेश हेतु सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। इसका ऑफिसियल पत्र भी जारी किया गया है।
दरअसल चरथावल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक पंकज मलिक ने 21 मई को उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रकिर्या तथा कार्य संचालन नियमावली 1958 के संगत प्राविधानों के अंतर्गत अतारांकित प्रश्न उठाया था।जिसमें उन्होने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री से पूछा था कि प्रदेश में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की मदद से जो कॉलिज बनाये गये थे उनमें कितने विद्यालय चल रहे है।जिनमे कितने का निर्माण कार्य शेष है। इसको लेकर इन्होंने सरकार से जवाब मांगा तो सरकार ने विभागीय कार्य शुरू हो गई।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के जिले में नवनिर्मित GIC कल्यानपुर, पुरबालियान,कवाल व बहादुर पुर को संचालित कर अधिक से अधिक प्रवेश के लिये कहा गया है। खण्डशिक्षा अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार बनाये गए है। सरकारी स्कूल्स से क्लास 5 व 8 उत्तीर्ण करने वाले बच्चो का एडमिशन इन कॉलिजो में अधिक से अधिक हो इसकी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षक निभाएंगे।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम ने इस संबंध में स्पष्ट किया है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के क्षेत्र में स्थित सभी वित्तविहीन, सरकारी एवं अन्य स्कूलों को निर्देशित किया जाए कि वह प्रबंध समिति की बैठक व चौपाल आयोजित करके अधिक से अधिक प्रवेश कराएं। इस बारे में जब विधायक पंकज मलिक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि माइनॉरिटी इलाकों में केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत इन कॉलिजो का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तत्कालीन मनमोहन सरकार में यह योजना चालू हुई थी, भाजपा की सरकार बनने के बाद इनका बजट रोक दिया गया। आज भी अधिकतर विद्यालय अधूरे पड़े है। उन्होंने सदन में मामला रखा है। शासन से जवाब आने की प्रतिक्षा है।