लाइफस्टाइल
परिवार नियोजन परामर्श दिवस के रूप में मनाया गया विश्व जनसँख्या दिवस

परिवार को सीमित रखने और दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के बारे में दम्पति को जागरूक किया
मुजफ्फरनगर। विश्व जनसँख्या दिवस सोमवार को परिवार नियोजन परामर्श दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर जिला अस्पताल समेत सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार को सीमित रखने और दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के बारे में दम्पति को जागरूक किया गया। इसके अलावा जनजागरूकता रैली निकालकर समुदाय को छोटे परिवार के बड़े फायदे के बारे में सन्देश दिया गया। परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने को लेकर मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन आयोजित किये गये। केन्द्रों पर स्टाल लगाकर भी लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गयी और इन्हें अपनाने के बारे में प्रेरित किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने कहा कि परिवार की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव है, जब परिवार सीमित होगा। विकास के उपलब्ध संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसँख्या दर के बीच संतुलन कायम करने के उद्देश्य से आज सबसे अधिक जरूरत जनसँख्या स्थिरीकरण की है। परिवार को सीमित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बास्केट ऑफ च्वाइस का विकल्प मौजूद है, जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। इन अस्थायी साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी रख सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधन के रूप में नसबंदी का विकल्प चुन सकते हैं। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने कहा कि समुदाय में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता लाने के लिए फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं के माध्यम से दो चरणों में परिवार नियोजन पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके पहले चरण में 27 जून से 10 जुलाई तक दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा मनाया गया, जिसके तहत लक्षित दम्पति को चिन्हित कर परिवार नियोजन साधनों को अपनाने के प्रति प्रेरित किया गया। अगला चरण जनसँख्या स्थिरता पखवाड़ा का आज से शुरू हो रहा है जो 30 जुलाई तक चलेगा । इसके तहत लक्षित दम्पति को सेवा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के बारे में किशोर-किशोरियों को भी जागरूक करने की जरूरत है ताकि भविष्य में वह सही समय पर सही कदम उठाने के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकें। जिला परिवार कल्याण एवं लोजिस्टिक्स प्रबंधक डॉ दिव्यांक दत्त ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रमों में पुरुषों की सहभागिता को बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा बिना पुरुष के अधूरी है। साथ ही जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ खालिद हुसैन इसके तहत जिले मुजफ्फरनगर के खतौली व पुरकाजी ब्लॉक को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है की जानकारी दी। प्रदेश के हर मण्डल प्रमुख जनपद के दो ब्लॉकों को पायलट के रूप में चुना गया है। जनपद में पहला मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन खतौली के नावला स्वास्थ्य उप केंद्र पर आयोजित किया गया था। आज मुजफ्फरनगर के नौ ब्लॉक के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया। मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन में जहां दंपति के साथ परिवार नियोजन जागरूकता को लेकर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं वहीं उन्हें छोटा परिवार सुखी परिवार के लाभ भी बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में भी बताया जा रहा है। इस अवसर पर लाभार्थियों ने आयोजित कार्यक्रम में पति के साथ पहुंचकर परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी हासिल की अभी हमारी शादी के दो महीने हुए हैं और अभी हमको बच्चा नहीं चाहिए, इसके लिए हमने गर्भनिरोधक गोली के विकल्प को चुना है।