ब्रेकिंग न्यूज

गैर जनपद ट्रांसफ़र हुए उर्दू अनुवादको को हाईकोर्ट से मिली राहत

अदालत की अवमानना पर जस्टिस ने अपनाया कड़ा रुख,लगी महानिदेशक को फटकार

प्रयागराज से ट्रू स्टोरी

की खास रिपोर्ट

हाई कोर्ट से मुजफ्फरनगर व एक अन्य जनपद में तैनात दो उर्दू अनुवादकों को उस समय राहत मिली जब हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के महानिदेशक को अवमानना का दोषी मानते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी। इसी के साथ महानिदेशक ने हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन के लिए 7 दिन का समय मांगा। जिस पर अदालत ने 7 दिन का समय दिया। इस आदेश से याचियों को राहत मिली है।

गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने गत वर्ष जुलाई माह में स्वास्थ्य विभाग में तैनात उर्दू अनुवादकों के थोक में गैर जनपदों में तबादले कर दिए थे। दावा है कि शासनादेश के मुताबिक इनका पद जनपद स्तर का है। इनके ट्रांसफर गैर जनपद में नहीं हो सकते। स्वास्थ्य विभाग के इन आदेशों के विरोध में मुजफ्फरनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात अनुवादक मोहम्मद मुस्तकीम व एक अन्य हिलालउद्दीन अहमद ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। गत वर्ष अदालत ने 7 सितंबर को उन्हें स्थगन आदेश दे दिया था। इसके बाद 2 बार स्टे आदेश हुए। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने आदेश का अनुपालन नहीं किया।याची ने अदालत में अवमानना याचिका दायर की। यह याचिका मोहम्मद मुस्तकीम एवं हिलाल उद्दीन की ओर से दायर की गई थी। इसकी सुनवाई हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने की। सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित हुए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं के महानिदेशक डॉक्टर राजा गणपति आर से पूछा कि कोर्ट के आदेशों का अनुपालन क्यों नहीं हुआ? इसका जवाब स्वास्थ्य विभाग की ओर से दाखिल किया गया. लेकिन अदालत उनके पक्ष से संतुष्ट नहीं हुई और उन्हें अवमानना का दोषी मानते हुए कड़ा रुख अपनाया। इस बीच महानिदेशक ने कोर्ट के आदेशों के अनुपालन के लिए 7 दिन का समय मांगा। जिसके बाद अदालत ने समय देते हुए चेतावनी दी कि आदेशो का अनुपालन नहीं हुआ तो अवमानना का दोषी मानते हुए महानिदेशक पर कार्रवाई कर दी जाएगी। अदालत के इस आदेश से फिलहाल याची दो अनुवादको को राहत मिलती दिख रही है।

स्वास्थ्य विभाग में सैकड़ों की संख्या में हुए थे तबादले, अब सभी को राहत की उम्मीद जगी..

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने पिछले साल यूपी के सभी जनपदों में तैनात उर्दू अनुवादको के गैर जनपदों में तबादले कर दिए थे। यहां तक की 300 से 600 किलोमीटर तक कर्मचारियों को अपने घरों से दूर जाना पड़ा था। हालांकि अभी भी अनुवादक दूरदराज के जिलों में अपने पदों पर काम कर रहे हैं। मगर अब अदालत के इस आदेश से उन्हें भी उम्मीद जग गई है। फिलहाल यह आदेश केवल याचियों पर ही प्रभावी होगा।

कोर्ट ने UT को जनपद स्तरीय पद माना, इसी आधार पर मिला था स्टे…

बता दें कि वर्ष 2021 में सुनवाई के दौरान अदालत में उर्दू अनुवादकों के पद को जनपद स्तरीय मानते हुए स्थगन आदेश दिया था। यानी जो जिस पद पर जिस जनपद में काम कर रहा है। वही करेगा,मगर स्वास्थ्य विभाग ने कोर्ट के आदेशों को नहीं माना। इसका नतीजा यह निकला कि अवमानना याचिका में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को फटकार सहनी पड़ी।

TRUE STORY

TRUE STORY is a Newspaper, Website and web news channal brings the Latest News & Breaking News Headlines from India & around the World. Read Latest News Today on Sports, Business, Health & Fitness, Bollywood & Entertainment, Blogs & Opinions from leading columnists...

Related Articles

Back to top button