होमगार्ड कमांडर को फंसाने में जुटे दरोगा, महकमे की जांच में मिल चुकी क्लीन चिट

मुजफ्फरनगर। होमगार्ड कमांडर व महिला होमगार्ड के बीच चल रहे विवाद के मामले में जहाँ जांच के दौरान महकमे ने महिला उत्पीड़न के मामले को झूठा मानते हुए होमगार्ड कमांडर को क्लीन चिट दे दी है। वही कोतवाली पुलिस इस मामले में खेल करने में जुटी है। हालांकि कोतवाली प्रभारी योगेश शर्मा का कहना है कि जांच का काम होमगार्ड विभाग के अधिकारियों का है। उनके यहां तो एक शिकायती पत्र आया था उसकी जांच दरोगा नीरज राणा कर रहे है। होमगार्ड के कम्पनी कमांडर नरेंद्र कुमार खेवरिया व महिला होमगार्ड शारदा पाल के बीच किसी मामले को लेकर विवाद हुआ था, जिसकी जाँच जिला कमाण्डेन्ट विजय कुमार सिंह ने की और मामला झूठा मानते हुए अपनी रिपोर्ट दी थी। मगर महिला होमगार्ड अड़ी रही और शिकायत अफसरों से की। महिला के शिकायती पत्र की जांच दरोगा नीरज राणा को सौंपी गई। आरोप है कि दरोगा कंपनी कमांडर से उनका पक्ष सुनने व साक्ष्य की प्रति लेने को तैयार नही है।नरेंद्र कुमार ने बताया कि महिला होमगार्ड शिकायत करने की आदि है जो भी अधिकारी उसे काम करने के लिए उसे कहता है उसी के खिलाफ वह शिकायत कर देती है। कुछ दिन पहले पुलिस लाइन के आई आई की भी इनके द्वारा शिकायत की गई थी।थाना भोपा के मुशियो पर पर इसके द्वारा आरोप लगाए गए थे। आप कंपनी कमाण्डर को फंसाने की साजिश है। वही दर्जन भर से अधिक होमगार्ड ने अपने लिखित पत्र भी जांच अधिकारी को भेजे है जिसमे उन्होंने कंपनी कमांडर को बेकसूर बताया है।।
‘ इस मामले की जांच मेरे द्वारा की जा रही थी, इंस्पेक्टर कोतवाली ने यह जांच मुझसे लेकर एस एस आई राकेश शर्मा को सौंप दी है। साक्ष्य न लेने का आरोप निराधार है’।
नीरज राणा सब इंस्पेक्टर ।।
” जांच बदलने का कोई औचित्य नही है। सारा काम होमगार्ड विभाग के अफसरों को करना है। हमारे यहां तो एक शिकायती पत्र आया था उसकी जांच जल्दी ही पूरी कर ली जाएगी। दोनों पक्षो से साक्ष्य लेकर गुण दोष के आधार पर जांच पूरी होगी।
योगेश शर्मा थाना प्रभारी नगर कोतवाली मुजफ्फरनगर।