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कोर पीसीआई सार्ड और समाजशास्त्र विभाग द्वारा एक सिमपोजियम आयोजित किया गया

 

 

मेरठ। विश्व पोलियो दिवस के उपलक्ष्य में कोर पीसीआई सार्ड और समाजशास्त्र विभाग द्वारा एक सिमपोजियम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र सिंह ने पोलियों निवारण में सामुदायिक सहभागिता की उल्लेखनीय भूमिका का रेखंकित करते हुए बताया कि कैसे समाज सशक्त हस्तक्षेप कर बड़े से बड़े संकट से भी उभर सकता है। डीन ऑफ आर्टस प्रोफेसर डा. नवीन चंद्र लोहनी  ने पोलियो निवारण में अंतर्राष्टृय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका को सार्थक बनाने में सामाजिक समर्थन को इसका श्रेय दिया। सामाजिक और अकादमिक महत्व के इस विचार-विमर्श में विभाग के शिक्षक प्रोफेसर आलोक कुमार, डा0 नेहा गर्ग, डा0 अजीत सिंह, श्री वाई0पी0 सिंह जी भी मौजूद रहे और इस परिचर्चा में सक्रिय सहयोग किया। विभाग की शोध छात्रा सोनल भूषण और कोर पीसीआई सार्ड डीएमसी श्री प्रवीण कौशिक, बीएमसी परविन्द व मोनिका ने आयोजन को संचालित करने में विशेष योगदान दिया। एमएमडब्ल्यू और एमए समाजशास्त्र के कई छात्र/छात्राएं ने सिम्पोजियम में सक्रिय सहभागिता की और व्यवस्था में अपना सहयोग दिया।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रवीण कौशिक ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया कि विश्व पोलियो दिवस के महत्व को बताया। देश में स्वास्थ्य विभाग और उनकी सहयोगी संस्थाओं ने किस तरह से भारत को पोलियो मुक्त करने के लिए समन्वय के साथ संघर्ष किया, इस पर प्रकाश डाला। पोलियों निवारण अभियान के शुरुआती दिनों में जब समाज का अधिकांश हिस्सा अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का विरोधी था, उस फेज में स्वास्थ्य के इस अभियान को आगे बढ़ाना कितना चुनौतीपूर्ण था। बाद में धीरे-धीरे पोलियों उन्मूलन अभियान के लिए समाज का समर्थन जुटाना सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं और सामाजिक विज्ञानों से जुड़े लोगों के लिए एक अतिरिक्त उद्यम था। जिसको सबने मिलका सफलतापूर्वक किया। अपने समुदाय को लगातार जागरूक किया और धीरे-धीरे वह समय आ ही गया जब हमारे देश में पोलियो का आखिरी केस 13 जनवरी 2011 को चिन्हित किया गया और 27 मार्च 2014 को डब्ल्यू0एच0ओ0 ने भारत को पोलियो मुक्त देश के रुप में प्रमाण-पत्र प्रदान कर हमें एक प्रतिबद्ध समाज की मिशाल बताया। इस विचार-विमर्श में विश्व में पोलियो की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें सामने आया कि अभी भी दुनियां के एक बड़े हिस्से में पोलियों की उपस्थिति बनी हुई है जो एक बड़ा खतरा है। भारत के पड़ौसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ही लगातार पोलियो के केस आ रहे है और मलावी, मोजाम्बिक जैसे देश जिसमें कई सालों बाद पोलियो के नए केस आये है। इसलिए हम सभी को अभी भी लगातार जागरूक रहने की आवश्यकता है। कही फिर से दुनियां में इसका फैलाव न हो जाए। 

विभागाध्यक्ष प्रोफेसर योगेन्द्र सिंह जी ने इस कार्यक्रम की सराहना की और अपने विचारों से सभी छात्रों को अवगत कराया कि किस तरह से हमारे देश को पोलियो मुक्त कराया गया जिसमें आप सभी के द्वारा समुदाय को हमेशा जागरूक करने का कार्य करना चाहिए। आर्टस डीन प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी जी ने बताया कि जो मुकाम स्वास्थ्य विभाग और उनकी सहयोगी संस्थाओं ने हासिल किया है। उस गौरव को बनाये रखना ही हम सबका मुख्य दायित्व है। क्योकि आप सभी आने वाले कल का भविष्य है।
विश्व पोलियों दिवस पर आयोजित सिम्पोजियम में सभी छात्र-छात्राओं में अपने विचार प्रस्तुत किये और अपनी सहभागिता हमेशा देश को स्वस्थ्य बनाए रखने में प्रतिबद्धतता के साथ बनाए रखने की शपथ ली। स्वयं सेवकों के रुप में समाज में निरन्तर अपने योगदान के लिए कोर पीसीआई सार्ड द्वारा प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमशः विभाग की कु0 हर्षिता, कु0 काजल और कु0 मीनाक्षी को प्रदान किया गया और अन्य सभी प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

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