एजुकेशन
उर्दू बेदारी फोरम ने शुरू किया निशुल्क कैरियर काउंसलिंग सेंटर, मेधावी सम्मानित





UP के मुजफ्फरनगर में उर्दू के विकास के लिए कार्य कर रही संस्था उर्दू बेदारी फ़ोरम एवम आइ पी एस किडस स्कूल रहमत नगर के संयुक्त तत्वावधान में अल्लामा इकबाल के जन्म दिवस के उपलक्ष में विश्व उर्दू दिवस के अवसर पर शानदार उर्दू सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मशहूर राष्ट्रीय शायर डा सदाकत देवबंदी और संचालन मशहूर शायर अल्ताफ मशल ने किया। तिलावत कुरान हाजी शुएब ने नात शायर मुहम्मद अहमद ने पढ़ी।



उर्दू दिवस के अवसर पर इकरा कैरियर काउंसलिंग सेंटर व उर्दू सेंटर का उदघाटन मुख्य अतिथि व प्रबंधकों द्वारा किया गया किया गया, जहां पर बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं की तैयारी कर सकेंगे और उन्हें शैक्षिक दिशा निर्देश गाइड प्राप्त कराई जाएगी। उर्दू सेंटर पर साप्ताहिक कक्षाएं उर्दू सीखने के लिए चलाई जाएंगी ताकि बच्चों को उर्दू सीखने के संसाधन प्राप्त हो।यहां विश्वविद्यालय स्तर के उर्दू के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।











इसके अलावा उर्दू की खि़दमात के लिए डा.तनवीर गोहर, उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार शाहिद हुसैनी को देश के पहले शहीद होने वाले पत्रकार मोलवी मु.बाकर एडवार्ड दिये गये। उर्दू अदब के लिए जनपद के मशहूर शायर डा सदाकत देवबंदी, उर्दू किताबत में हुसैन अहमद कासमी ,कारी सलीम मेहरबान, साबिर निजामुद्दीन कासमी,सना नसरीन लैक्चरार नवाब अजमत डिग्री कॉलेज,डा शमशाद , खलील अहमद को अल्लामा इक़बाल एडवार्ड तथा स्नातक,परा स्नातक में उर्दू विषय की डिग्री प्राप्त छात्र छात्राओं को अलम मुजफ्फरनगरी एडवार्ड से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का परिचय देते हुए शहजाद अली कन्वीनर उर्दू बेदारी फ़ोरम मुजफ्फरनगर ने बताया की कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ,देश के उर्दू माध्यम विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया से प्रोफेसर जुनैद हारिस को जिन्हें उनके उर्दू प्रचार एवं सेवाओं के लिए वली दक्कनी एवार्ड से सम्मानित किया गया। जुनैद हारिस ने कहा कि उर्दू न केवल एक भाषा है, बल्कि भारत की सभ्यता और साझा विरासत भी है। उर्दू के विकास के लिए उन्होंने कहा कि हमें और हम सब को उर्दू को घर की जबान बनानी होगी तो हम उर्दू की सभी समस्याओं को दूर कर पाएंगे ,हमें निराश होने की जरूरत नहीं है। आज इस उर्दू दिवस पर हम अहद करें कि अपने घरों में हिन्दी के साथ उर्दू का भी अख़बार मंगवाएगे, उर्दू वब साइट्स, पोर्टल आदि से लाभ उठाएं। उर्दू भारतीय ज़बान है और हिन्दू-मुसलमानों और ख़ास तौर से मदरसों ने उर्दू के विकास के लिए बड़ा कारनामा अंजाम दिया है।
प्रोग्राम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर डाॅ0 सना नसरीन ने कहा कि भारत की ऐसी संस्था है जिसने उर्दू का हक़ हासिल कर। विशिष्ट अतिथि सभासद अन्नू कुरैशी ने कहा कि अगर हम उर्दू वाले उर्दू को अपनाएंगे, उर्दू का प्रयोग करेंगे अपने बच्चों को उर्दू सिखाएंगे तो ही उर्दू का फरोग़ होगा।
संस्था के मैनेजर हाजी औसाफ अहमद ने कहा कि काउंसलिंग सेंटर पर बच्चे का पंजीकरण के उसकी रूचि के अनुसार विभिन्न प्रतियोगिताओं की तैयारी के अवसर प्राप्त होंगे, विभिन्न नौकरियो के लिए आवेदन करना आदि हेतु गाइड़ किया जाए साथ ही उर्दू को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी हमें उठानी है। उन्होंने कहा कि उर्दू हमारी साझी संस्कृति और भारतीय भाषा है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे युवा अल्लामा इकबाल की शायरी को पढ़ और समझ लें तो निश्चित रूप से उनके जीवन में क्रांति आ सकती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने उर्दू का झंडा फहराया है, वे बधाई के पात्र हैं।
प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता असद पाशा ने कहा कि उर्दू बहुत प्यारी और मीठी भाषा है। जब तक हम लोगों में जज़बा है तो उर्दू भी जिंदा रहेगी खलील अहमद ने कहा कि हमें उर्दू भाषा के प्रचार के लिए हमेशा आगे आना चाहिए। और जहां तक हो सके, उर्दू के अखबार, पत्रिकाएं और पत्रिकाएं खरीद कर पढ़नी चाहिए। इसके अलावा शादी के कार्ड, साइन बोर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रोग्राम में महबूब आलम एडवोकेट, अल्ताफ़ मशल, डॉक्टर सलीम सलमानी, कारी शाहिद हुसैनी, नफीस अन्सारी महक प्लाइवुड ,चौ तराबुदीन, हुसैन अहमद,, मौ0 अहमद, मुहम्मद अखलाक, दानिश , कलीम त्यागी, शमीम कस्सार, बदरुज़्ज़मां ख़ान, उर्दू टीचर्स वैलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष रईसुद्दीन राना, शहज़ाद अली, औसाफ अहमद, वरिष्ठ पत्रकार गुलफाम अहमद, कारी सलीम मेहरबान मा. ख़लील अहमद, हाजी शकील अहमद, नदीम मलिक, मास्टर खलील अहमद, मा. इम्तियाज़ अली, अनस नसीर कॉलेज से अनस नसीर, डाॅ0 रियाज़ अली, सरफराज आदि मौजूद थे।