अपना मुज़फ्फरनगर

TC को लेकर चल रही कागजी जंग में आया नया मोड़: चेयरमैन व प्रिसिपल आरोपों के घेरे में

मुजफ्फरनगर में मोतीराम गोपीचंद चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन एवं रीमा सिंघल के बीच देव सिंघल पुत्र रीमा सिंघल की टीसी कटाने को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए कानूनी तौर पर मौखिक लड़ाई लड़ी जा रही थी जो अब वर्चस्व की लड़ाई में तब्दील हो गई है। रीमा सिंघल ने मोतीराम गोपीचंद चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन एवं एमजी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या पर सामाजिक एवं मानसिक रूप से उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। पीड़ित रीमा सिंघल के द्वारा जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए निष्पक्ष जांच करवाई जाने की मांग की है।
बुधवार को पीड़ित रीमा सिंघल ने मीडिया सेंटर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि मोतीराम गोपीचंद चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन समाज सेवा की आड़ में अपने कारनामों को छिपाने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि पहले तो मोतीराम गोपीचंद चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित एक स्कूल की प्रधानाचार्या द्वारा स्कूल की फीस जमा न करने का हवाला देते हुए स्कूल में पढ़ने वाले छात्र देव सिंघल की टीसी काटने से मना कर दिया था, जिसकी लड़ाई को कानूनी तौर पर लड़ते हुए रीमा सिंघल ने जीत लिया था, जिसमें ट्रस्ट के चेयरमैन को हार का मुंह देखना पडा था, जिसके बाद से यह स्कूली लड़ाई वर्चस्व की लड़ाई में तब्दील हो गई थी। वही एक महिला से हार का सामना करने के बाद रंजिशन पीड़ित रीमा सिंघल पर बेबुनियाद आरोप प्रत्यारोपों के पुलों को बांधते हुए दो करोड़ रुपए की मानहानि का दावा कर पीड़ित के घर नोटिस भिजवा दिया गया, जिससे आहत होकर पीड़ित महिला रीमा सिंघल ने आत्म हत्या करने का प्रयास किया था मगर परिवार के अन्य सदस्यों के द्वारा उसकी जान बचा ली गई।
आरोप है कि ट्रस्ट के चेयरमैन न्यायाधीश, अधिकारियों एवं शहरवासियों को गुमराह करके अपने आप को ईमानदार एवं समाजसेवी कहलाता है। आरोप है कि समाज सेवा की आड़ में अपनी मनमानी एवं पैसे बटोरने का धंधा चलाया हुआ है, जिसका शिकार एक अन्य स्कूल के आठ मासूम बच्चों के ऊपर बेबुनियादी फीस जमा न करने का आरोप लगाते हुए क्रिमिनल कोर्ट में केस दर्ज कराया गया। आरोप है कि बिना किसी नोटिस एवं बिना सच जाने ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूल के 8 सीनियर अध्यापकों को भी बे बुनियादी आरोप लगाते हुए स्कूल से बेदखल कर दिया गया। आरोप है कि स्कूल में फिजिकल एजुकेशन एवं योगा के विषय को पढ़ने वाले अध्यापकों के अलावा अन्य अध्यापकों पर स्कूल की प्रिंसिपल के कहने पर स्कूल में धोखाधड़ी करने का बे बुनियादी आरोप लगाया गया। आरोप है कि जिन लोगों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया उन लोगों के हाथों में ही जांच की बागडोर थमा दी, जिसके बाद स्कूल में 25 सालों से अपनी सेवा दे रहे अध्यापकों पर गाज गिरी और बिना सच जानें ही उनको स्कूल से बेदखल कर दिया गया। आरोप है कि बिना किसी सबूत के ट्रस्ट के चेयरमैन द्वारा पीड़ित रीमा सिंघल का सामाजिक एवं मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है। सबूत के अभाव में ट्रस्ट के चेयरमैन को एक महिला के सामने हार का मुँह देखना पड़ा जिसके बाद वह बौखला गया और मनगढ़ंत कहानियां बनाकर महिला को झूठे एवं बे बुनियादी केस में फंसाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। आरोप है कि मोतीराम गोपीचंद चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक सचिव सुरेंद्र सिंधी की पुण्यतिथि पर ही स्कूल का एनुअल फंक्शन डे आयोजित करने का फैसला किया है। रीमा का कहना है कि उस दिन संस्थापक सचिव को श्रधांजलि दी जानी चाहिए थी ।

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