मुजफ्फरनगर के तहसीन अली को अल्लामा इकबाल रफीक ए उर्दू अवार्ड से किया गया सम्मानित

मुजफ्फरनगर। उर्दू की खिदमात के लिए मुजफ्फरनगर के तहसीन अली असारवी को अल्लामा मौहम्मद इकबाल रफीक ए उर्दू अवार्ड से सम्मानित किया गया।पूरे देश से 20 लोगों का इस प्रकार के पुरस्कारों के लिए चयन किया गया था। विशिष्ट उपलब्धियों एवं उर्दू भाषा के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों को संस्थाओं की ओर से सम्मानित किया जाता रहा है।लंबे समय से उर्दू भाषा के विकास के लिए काम कर रहे तहसीन अली असारवी को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। यह कार्यक्रम 9 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित हुआ था। लेकिन किसी कारणवश तहसीन अली अपना पुरुस्कार लेने दिल्ली नहीं जा पाए। ऐसे में अब संस्था के पदाधिकारियों ने मुजफ्फरनगर पहुंचकर यह सम्मान दिया। उन्हें मोमेंटो एवम शाल के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
मेरठ रोड स्थित मधुबन रेस्टोरेंट में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली राज्य अल्पसंख्यक आयोग की सलाहकार समिति के सदस्य अताउर रहमान अजमली ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि उर्दू की खिदमात के लिए पूरे देश से 20 हस्तियों का चयन किया गया था। उनमें मुजफ्फरनगर के उर्दू प्रेमी तहसीन अली का नाम शामिल होना फक्र की बात है।
बता दें कि यह अवार्ड प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर यूनाइटेड मुस्लिम ऑफ इंडिया एवं उर्दू डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा दिया जाता है। इस अवसर पर प्रयत्न संस्था के सचिव असद फारूकी, यू डी ओ अध्यक्ष कलीम त्यागी, उर्दू टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष रईसुद्दीन राणा,नदीम मलिक, शमीम कस्सार, नफीस अहमद,गुलफाम अहमद, महबूब आलम एडवोकेट, अब्दुस समद,तनवीर ए अदब के संपादक डॉक्टर तनवीर गौहर, प्रसिद्ध शायर तहसीन समर,डॉक्टर हाजी आफताब, डॉ. इकबाल, आशू चौधरी अध्यक्ष फेडरेशन ऑफ मुस्लिम जाट एसोसिएशन,बीएसएनएल के पूर्व ए जीएम हाजी शकील अहमद, पूर्व वाइस चेयरमैन अमीर आजम एडवोकेट, इकरा तहसीन, हाफिज अफ्फान मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हाजी सलामत रही ने की ।संचालन अधिवक्ता महबूब आलम ने किया।
पहले भी उर्दू खिदमात के लिए हो चुके सम्मानित
मूल रूप से मूल रूप से बागपत जनपद के असारा निवासी तहसीन अली वर्तमान में मुजफ्फरनगर में कार्यरत है। इससे पूर्व में उर्दू की खिदमात के लिए राष्ट्रीय स्तर पर वे सम्मानित किया चुके हैं।उनके द्वारा लिखी गई उर्दू की रचनाएं विभिन्न स्तरों पर प्रकाशित हुई और उन्हें सम्मान मिला। नई दिल्ली में आयोजित होने वाला कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम था। जिसमें सम्मानित होना गर्व का पल रहा। उर्दू प्रेमी डॉक्टर तनवीर गौहर बताते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को प्रतिवर्ष सम्मानित किए जाने की परंपरा रही है। यूनाइटेड मुस्लिम ऑफ इंडिया और उर्दू डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन की ओर से प्रविष्ठियां आमंत्रित की जाती हैं। उसके बाद समिति द्वारा केवल 20 लोगों का चयन किया जाता है।