निकाय मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन होने पर भी लिस्ट न देने का सपा नेताओं ने जताया विरोध
निर्वाचन कार्यालय में सपाईयों का हंगामा
मुजफ्फरनगर। खतौली उपचुनाव की भागदौड़ में लगे प्रशासन के द्वारा नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के आंकड़े जारी कर दावा किया गया है कि मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन करा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी मतदाता सूची तैयार नहीं है। चुनाव लड़ने वाले भावी प्रत्याशियों के साथ ही राजनीतिक दलों के लोग भी धक्के खाने को विवश हैं। सपा नेताओं ने आज इसके लिए निर्वाचन कार्यालय में हंगामा भी किया। सपा नेताओं ने कहा कि नगर निकाय चुनाव की जनपद मुजफ्फरनगर की सभी नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों की वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 18 नवम्बर को प्रशासन द्वारा कराये जाने के पश्चात भी नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर की वोटर लिस्ट नियमानुसार राजनैतिक दलों को नही मिल पा रही है।
सपा जिला मीडिया प्रभारी साजिद हसन ने मीडिया कर्मियों को बताया कि वह नगर निकाय चुनाव कार्यालय पर शुक्रवार को भी वोटर लिस्ट लेने पहुंचे तो कार्यालय पर एक सप्ताह से कल परसो वोटर लिस्ट देने का आज भी यही जवाब मिला।
जिस पर सपा नेता साजिद हसन ने कहा कि यह क्या चल रहा है?? जब अंतिम प्रकाशन 18 नवम्बर को किया जा चुका है तो एक सप्ताह से विपक्षी दलों को सूची देने के नाम पर चक्कर क्यों कटवाए जा रहे हैं? आरोप है कि सपा नेता साजिद हसन व शौकत अंसारी के इस सवाल पर कर्मचारियों ने दुर्व्यवहार करते हुए कहा कि जब सूची तैयार होगी, तभी देंगे समय नही बताएंगे तुमको जंहा शिकायत करनी है वहां शिकायत करो।
कर्मचारियों के इस व्यवहार पर सपा नेता बिफर उठे तथा वहां मौजूद पत्रकारों के समक्ष आरोप लगाते हुए कहा कि 18 नवम्बर की अंतिम प्रकाशन सूची नियमानुसार मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को एक सप्ताह से जानबूझकर नहीं दिया जाना यह साबित करता है कि भाजपा नेताओं के इशारे पर लगातार उनके द्वारा भेजी जा रही वोट को बनाने व काटने पर काम किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों को मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के बहाने वोट बनाने से मना किया जा रहा है। इसी के चलते नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर की वोटर लिस्ट जारी नहीं की जा रही है। सपा नेता साजिद हसन ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों को एक सप्ताह से प्रतिदिन चक्कर काटने पर भी वोटर लिस्ट नही देना, सन्देह पैदा कर रहा है जिस पर निर्वाचन आयोग को अवगत कराया जा रहा है।