राज्य

योगी सरकार में भी अल्पसंख्यको की बल्ले-बल्ले

एक वर्ष में पांच करोड़ से ज्यादा का मिला वजीफा तो मुस्लिम बेटियों का हुआ कन्यादान भी

डा. फल कुमार पंवार
मुजफ्फरनगर।
भले ही विपक्ष सूबे की योगी सरकार पर आरोप लगाता हो कि इस सरकार में अल्पसंख्यक समाज का उत्पीड़न बढ़ा है। लेकिन आंकड़े कुछ ओर कहते है। इस सरकार में अल्पसंख्यको पर योगी सरकार की खूब मेहरबानियां हो रही है। पिछले एक साल में मुजफ्फरनगर जनपद के 8260 बच्चों को 5 करोड़ की धनराशि वजीफे के रूप में दी गई। इसके साथ ही 241 मुस्लिम बेटियों को कन्यादान के रूप में 48 लाख रूपये की धनराशि प्रदान की गई। पिछले साल लगभग पौने दो करोड़ रूपये यहां की 857 बेटियों को सरकार ने विवाह अनुदान योजना के तहत प्रदान किये हैं। इसके अलावा भी कई ऐसी योजनाये है, जिसमें सीधे अल्पसंख्यको को लाभान्वित किया गया हैं।
वर्ष 2017 में जिस समय प्रदेश में CM योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थी तब यह संदेश दिया था कि शायद अब प्रदेश में सबका साथ सबका विकास के नारे पर काम नहीं होगा। सरकार बनने के तुरन्त बाद कब्रिस्तानो की बाउन्ड्री योजना रोक दी गई थी। इसके अलावा कुछ ऐसे कार्य हुए जिसको लेकर विपक्ष ने प्रदेश सरकार को घेरा। इस बीच PM नरेन्द्र मोदी ने ऐलान किया कि वे चाहते है कि अल्पसंख्यको के एक हाथ में कुरआन व दूसरे हाथ में वे कम्प्यूटर देखना चाहते है। जिसके बाद यहां तस्वीर बदल गई। भले ही बाउन्ड्री की योजना रूक गई हो, लेकिन जो भौतिक जरूरत यहां के अल्पसंख्यक समाज की थी, उसके लिए सरकार ने खूब धन वर्षा की। वर्ष 2019-20 में मुजफ्फरनगर की 857 बेटियों को बीस हजार रूपये प्रति के हिसाब से कन्यादान के रूप में लगभग पौने दो करोड़ रूपये की धनराशि प्रदान की गई। इस वर्ष यह आंकड़ा थोडा कम रहा। क्योकि सरकार की ओर से लक्ष्य घट गया था तो अल्पसंख्यको को भी यह धनराशि कम संख्या में मिल पाई। 241 बेटियों को 48 लाख रूपये की ध्नराशि प्रदान की गई। इसके साथ ही कक्षा 9 व 10 के 2790 छात्रा-छात्राओं को 76 लाख 29 हजार रूपये की ध्नराशि ऑनलाईन उनके खातो में ट्रांसफर की गई। कक्षा 11 व 12 के लगभग 3 हजार छात्र-छात्राओं को साढे 92 लाख रूपये उनके खाते में दिये गये। व्यवसायिक, स्नातक एवं परास्नातक कोर्स के 2474 छात्र-छात्राओं को 3 करोड़ 41 लाख रूपये दिये गये है। कुल मिलाकर यहां पांच करोड़ से ज्यादा की धनराशि वास्तविक जरूरत के लिए छात्र-छात्राओं को उनके खातों में प्रदान की गई। इसके अलावा अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम के माध्यम से अल्पसंख्यको को कारोबार के लिए लोन प्रदान किये जाने की व्यवस्था भी की गई हैं। साथ ही जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से भी अल्पसंख्यको को कारोबार के लिए लोन प्रदान किये गये है। कुल मिलाकर यदि निगाह दौडाई जाये तो प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यको की भौतिक जरूरतो पर ध्यान दिया हैं। इससे पहले ऐसी योजना संचालित थी, जिसको लेकर अल्पसंख्यक सीधे लाभान्वित नही हो पाते थे। लेकिन अब इन योजनाओं के माध्यम से मुस्लिम बच्चे सीधे शिक्षा से जुड रहे हैं।


‘‘प्रदेश सरकार सबका साथ, सबका विकास पर काम कर रही है, प्रदेश में हर वर्ग के लोगों को रोजगार से जोडने के लिए सरकार ने प्रयास किये है, पिछली सरकारो ने जातीय राजनीति की है, भाजपा ही एक मात्र ऐसी पार्टी है, जिसने समाज के हर वर्ग को रोजगार से जोड़ा है। आंकडे इस बात के गवाह है कि अल्पसंख्यको की किसी भी स्तर पर उपेक्षा नहीं की गई है। विपक्ष लगातार बरगलाता रहा है, लेकिन विपक्ष के आरोपो के बीच सच्चाई छिप नहीं सकती’’।

कपिल देव अग्रवाल, स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री उ.प्र. सरकार

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