फीका रहा दीपावली मेले का जायका,नहीं हो पाई रौनक, मेला रहा घाटे का सौदा

मुजफ्फरनगर में स्थानीय नुमायश मैदान में चल रहा दीपावली मेला अंतिम चरण में है, लेकिन इस बार दीपावली मेले में न तो भीड़ है और न ही रौनक, जिसके चलते इस बार फिर से यह दीपावली मेला घाटे की नुमायश बनकर रह गया है। जिला प्रशासन से यह दीपावली मेला एक करोड़ 55 लाख रुपये में ठेकेदार सागर प्रजापति ने लिया था। कम्पीटिशन के दौरान ठेकेदारों ने एक से बढ़कर एक दाम लगाये थे। पिछले वर्ष के ठेकेदार सागर ने कमाई की आस में यह ठेका ले लिया था, लेकिन यह दीपावली मेला उसके लिए फिर से नुकसानदायक ही साबित हुआ।
गत वर्ष से नुमायश मैदान में दीपावली मेले की परम्परा शुरु हुई थी। पिछले साल दीपावली मेले में ठेकेदार ने जमकर कमाई की थी। इसके कुछ दिन बाद ही यहां जिला औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी सज गई थी। यह ठेका सागर ने लिया था, लेकिन कड़ी ठंड में नुमायश पिट गई थी। इस बार ठेकेदार को उम्मीद थी कि पिछले वर्ष की तरह दीपावली मेला कारगर साबित होगा, लेकिन उसकी यह उम्मीदें अब टूट चुकी है, क्योंकि मेला खत्म होने में मात्र दो दिन बाकी रह गये हैं। बताया जा रहा है कि मेला ठेकेदार 50 लाख रुपये भी एकत्र नहीं कर पाया। विगत दिवस तक मेला ठेकेदार पर जिला प्रशासन का 80 लाख रुपये बकाया था। जिला प्रशासन ने ठेकेदार पर नियमानुसार पैसा जमा कराने का दबाव बनाया, तो उसने पैसा जमा करने से इंकार कर दिया। कार्रवाई की चेतावनी दी गई तो एक बड़ी धनराशि शनिवार को सरकारी खजाने में जमा करा दी गई। बताया जाता है कि इस बार नुमायश में गगनचुम्बी झूले व तमाम स्टॉल आदि सजे हैं, लेकिन ठंडे मौसम की शिद्दत ने लोगों को बेहाल कर दिया है। शाम होते ही लोग अपने घरों में दुबक रहे हैं, ऐसे में दीपावली मेले में भीड़ की संख्या लगातार घट रही है। उम्मीद लगाई जा रही थी कि मेले के अंतिम चरण में खूब भीड़ उमडेगी, लेकिन यहां भीड़ उमड़ नहीं पाई। नतीजा यह हुआ कि इस बार दीपावली मेला घाटे की नुमायश साबित हो गया।
टूटी सड़क भी बनी वजह
नुमायश मैदान के सामने जल निगम द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्य की वजह से सड़क टूटी रही। करीब दो किमी का हिस्सा टूटा हुआ था। ऐसे में एक साइड ट्रेफिक चलता रहा। कई कई घंटे यहां जाम लगा। पुलिस की व्यवस्था यहां नहीं थी। ऐसे में लोगों ने खुद ही प्रयास करके जाम खुलवाये और घरों तक पहुंचे, संदेश पास हो गया कि नुमायश मैदान के बाहर लम्बे समय तक जाम लगता है, ऐसे में लोगों ने मुश्किलों से बचने के लिए घरों से निकलना बेहतर नहीं समझा।
मौसम की ठंडक ने भी किया बेहाल
हालांकि पिछले वर्ष भी दीपावली मेला इसी माह लगा था, लेकिन ठेकेदार ने 30 लाख रुपये में ठेका लेकर तीन करोड़ की कमाई कर ली थी। इसी आस में सागर प्रजापति ने भी दांव खेला था, मगर डेढ़ करोड़ का ठेका उसे महंगा पड़ गया। बताते हैं कि मौसम का मिजाज खराब है, ऐसे में लोगों की भीड़ यहां नहीं पहुंच पा रही है। कुल मिलाकर इस बार दीपावली मेले का जायका फीका रह गया।