गैंगरेप सहित विभिन्न संगीन धाराओं के मुकदमे में कांग्रेस नेता बरी,अदालत ने किया दोषमुक्त
मुजफ्फरनगर में गैंगरेप सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा झेल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को उस समय राहत मिली, जब अदालत ने सुनवाई के दौरान सभी आरोपों से उन्हें दोष मुक्त कर दिया। इस मुकदमे में मात्र एनसीआर के आरोप साबित हुए है। इसके अलावा पीड़िता द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र को भी निरस्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि गत वर्ष 10 मार्च को सिविल लाईन थाने पर कांग्रेस नेता अरशद राणा की पत्नी डॉ.यासमीन ने संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके पति अरशद के साथ उसके साथी समीर मलिक, शहजाद, जहांगीर आदि ने उसे मेरठ रोड स्थित एक मकान में बंधक बनाकर रखा, जहां उसके साथ गैंगरेप किया गया। इसके अलावा उसका पति यहां से 10 लाख रुपये की नकदी लेकर फरार हो गया था। इस मामले में पुलिस ने धारा आई पी सी की धारा 370 डी, 452, 313, 342, 323 व 506 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया, लेकिन विवेचक ने मात्र मारपीट की पुष्टि करते हुए अपनी चार्जशीट अदालत में पेश की। इस चार्जशीट को गलत बताते हुए पीड़िता ने अदालत में अपने बयान दर्ज कराये। धारा 164 के बयान में पीड़िता ने गैंगरेप की बात दोहराई।
इसके बाद इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार जाटव के समक्ष हुई। जहां सुनवाई के दौरान पाया गया कि पुलिस ने धारा 323 व 506 की पुष्टि की है। केवल एक आरोपी अरशद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। अन्य आरोपियों को पुलिस ने पहले ही दोषमुक्त कर दिया था। विवेचक द्वारा प्रस्तुत आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई हुई। इस बीच वादिया ने प्रार्थना पत्र देकर इस चार्जशीट को दूषित बताया था। इस मामले की पुन: जांच कराये जाने की मांग की गई थी, लेकिन सुनवाई के दौरान सीजेएम मनोज कुमार जाटव ने पाया कि यहां के तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए वादिया का प्रार्थना पत्र स्वीकार करने योग्य नहीं है। इस प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया गया है। अदालत द्वारा दी गई क्लीन चिट के बाद कांग्रेस नेता ने राहत की सांस ली है।
बता दें कि कांग्रेस नेता अरशद राणा पूर्व में बसपा से चरथावल सीट पर घोषित प्रत्याशी थे। ऐन मौके पर अरशद का टिकट काटकर सलमान सईद को दे दिया गया था। टिकट के लिए दिए गए पैसे की वापसी को लेकर बसपा हाईकमान तक मामला पहुंचा था और यह मामला नेशनल मीडिया की सुर्खियां भी बन गया था।
क्या था मामला:
पिछले वर्ष मुजफ्फरनगर की चरथावल (Charthawal) सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर यास्मीन राव (Yashmeen Rao) ने अपने पति अरशद राणा (Arshad Rana) सहित चार लोगों पर गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि उनके पति अरशद राणा ने उन्हें बंधक बनाकर गैंगरेप किया है। उनका आरोप है कि 10 मार्च को अरशद राणा उन्हें काउंटिंग में अपने साथ लेकर नहीं गए. यास्मीन राव ने गैंगरेप का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा “उन्हें एक मकान में कैद कर दिया गया था.”।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था, “अरशद राणा ने मेरा गैंगरेप कराया. उसके बाद मुझे पीटा और परेशान किया. मैंने सिविल लाइन पर फोन किया वहां से महिला कॉन्स्टेबल आई. उन्होंने मुझे छुड़वाया और थाने लेकर आए जहां मैंने तहरीर दी है. मेरे साथ बहुत अन्याय हो रहा है. अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो में फांसी लगाकर मर जाऊंगी.”
यास्मीन राव ने आरोप लगाया था की, “अरशद राणा ने उल्टी-सीधी वीडियो बनाकर अधिकारियों को दिखाया. अधिकारी मुझ पर हंस रहे हैं. मुझे बहुत शर्म आ रही है. मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं डूब कर मर जाऊं. मैं किसी को भी मुंह दिखाने के लायक नहीं रही हूं. मैंने अरशद राणा के मामा, ड्राइवर और अपने पति के खिलाफ शिकायत दी है.”
लेकिन अब पुलिस जांच में यह मामला फर्जी निकलने के बाद अदालत से भी क्लीन चिट मिल गई है।
क्या कहा अरशद राना ने….
कांग्रेस नेता अरशद राना ने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास था। अदालत ने सब आरोप गलत मानते हुए उन्हे दोषमुक्त किया है। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश रची गई थी। मेरा राजनैतिक कैरियर बरबाद किए जाने का षड्यंत्र रचा गया था। मगर खुदा ने उनके साथ इंसाफ किया।