नगर पालिका की लचर व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई, सभासद ने लिखी खुली चिट्ठी

पालिका चैयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को पत्र लिखकर पालिका की लचर व्यवस्थाओ को सुधारने का सुझाव दिया सभासद ने
मुज़फ्फरनगर। नगर पालिका सभासद मौ. खालिद ने पालिका चैयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को पत्र लिखकर पालिका की लचर व्यवस्थाओ को सुधारने का सुझाव दिया है।उन्होंने बताया कि जन्म / मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाये जाने के सम्बन्ध में मेरी जानकारी में आया है कि भारी भरकम सुविधा शुल्क लेकर प्रमाण-पत्र बनाये जा रहे है। जिससे पालिका प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। नियमानुसार यदि 20 दिन के भीतर जन्म / मृत्यु का आवेदन-पत्र विभाग को प्राप्त होता है तो निःशुल्क प्रमाण-पत्र जारी किये जायेगें उसकी कोई फीस निर्धारित नहीं है। यदि 20 से 30 दिन की देरी हो जाने पर रु0 3 /- निर्धारित शुल्क आवेदनकर्ता से वसूल की जायेगी। यदि एक वर्ष से पांच वर्ष या उससे अधिक वर्ष का विलम्ब होने पर आवेदनकर्ता से निर्धारित शुल्क फीस रु० 10/- वसूली जायेगी । सुझाव यह कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन्म / मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाये जाने में जो निर्धारित शुल्क वसूल की जाती है वह प्रत्येक वर्ष लगभग 15 से 20 हजार रूपये वसूल कर भारतीय स्टेट बैंक में जमा कराये जाते है। यदि यह फीस पालिका फण्ड से बोर्ड में प्रस्ताव पास कराकर जमा करा दी जाये तो जनता को जन्म / मृत्यु प्रमाण-पत्र निःशुल्क जारी किये जा सकते है। बोर्ड के समक्ष इस प्रस्ताव को पारित होने तक पालिका के बरामदे में जन्म / मृत्यु प्रमाण-पत्र की निर्धारित शुल्क का एक बोर्ड लगाकर सार्वजनिक किया जाये। इससे पालिकाध्यक्ष / बोर्ड की शहर की जनता भूरि-भूरि प्रशंसा करेगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सकेगा।
फोंगिंग का तरीका बदलने की मांग
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वार्डो में फोगिंग कार्य कराये जाने के लिए वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है जो चौड़े रास्ते वाले है वहाँ पर वाहन आसानी से पहुँच जाते है। मौहल्ले की संकीर्ण गलियों में नही जा पाते है और सड़कों पर खड़े होने के साथ जाम में फंसे रहते है इससे पालिका का पैट्रोल एवं दवाईयों का खर्च भी बढ़ जाता है। ऐसे में फोगिंग कार्य रेहडो में मशीन रखवाकर प्रत्येक माह में नगर क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में फोगिंग कार्य कराया जाये जिससे नगर क्षेत्र की जनता को मच्छरों के संक्रमण से होने वाली बीमारी से बचाया जा सके।
स्ट्रीट लाइट में ऐसे होगा सुधार
पालिका के स्ट्रीट लाईट विभाग द्वारा नगर क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में एक माह में एक बार कर्मचारियों को स्ट्रीट लाईट ठीक कराने हेतु भेजा जाता है और स्ट्रीट लाईट का सामान भी कर्मचारियों को पूरा उपलब्ध नहीं कराया जाता पूर्व भी ठीक करायी गयी लाईटे कर्मचारी की अगली विजिट तक पूर्व में ठीक की गयी स्ट्रीट लाईटे खराब हो जाती है जिस कारण वार्डो में अन्धेरा रहता है। जिससे प्रत्येक वार्ड में स्ट्रीट लाईट की समस्या जस की तस रहती है। इस बारे में सुझाव यह कि पालिका के स्ट्रीट लाईट में सबसे पहले कर्मचारियों की संख्या बढ़ायी जाये और प्रत्येक वार्ड मे 10-10 दिन के अन्तराल में कर्मचारियों को लाईटे ठीक कराये जाने हेतु भेजा जाये । नगर क्षेत्र की स्ट्रीट लाईटों का संचालन लगभग 10-15 स्ट्रीट लाईटों के एक ही प्वाईंट से कराया जाये। अलग-अलग प्वांट पर स्वीच लगे होने के कारण तैनात कर्मचारी उन्हें बंद नहीं करते जिससे पूरे दिन लाईटें जलती रहती है और विद्युत का नुकसान होता है। ऐसे में इस खुले पत्र के माध्यम से जनहित में से संज्ञान की मांग की गई है।