मतदान के दौरान संक्रमित हुए प्रधानाचार्य ने ली आखिरी सांस

मुज़फ्फरनगर जनपद में द्वित्तीय चरण में हुए पंचायत चुनाव में कोरोना संक्रमित हुए एसडी इंटर कॉलिज के प्रधनाचार्य सुदीप कुमार ने देर शाम दम तोड दिया। उनकी ड्यूटी बुढ़ाना क्षेत्र के ग्राम बिटावदा में स्टेटिक मजिस्ट्रेट के पद पर लगाई गई थी। उनके साथी ग्रेन चैम्बर इंटर कॉलिज के प्रिंसिपल विजय शर्मा ने बताया कि बिटावदा में बूथ पर ड्यूटी के दौरान ही उन्हें बुखार हो गया था। रात्रि में सांस लेने में भी दिक्कत हुई थी। वापस आये तो जांच कराई गई। जिसमें उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। जिसके बाद उनका उपचार कराया गया। लेकिन बचाया नही जा समेत उनके निधन से शिक्षकों में शोक छा गया।
पहले भी जा चुकी है क्लर्क व शिक्षक की जान
पंचायत चुनाव में तेज बुखार व कोरोना संक्रमण के बीच पूरे समय डयूटी करने वाले 2 पीठासीन अधिकारियो पहले ही यहां मौत हो चुकी है। क्लर्क अमृत ने डयूटी टवाने के लिए अफसरों से गुहार लगाई थी, मगर किसी का भी मन नही पसीजा था। जिसके बाद हालात बिगड़ गए और मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलिज में उन्होंने आखिरी सांस ली थी थी। इसके अलावा शफीपुर पट्टी बुढाना में पीठासीन रहे शिक्षक की भी कोरोना से जान जा चुकी है।
बुढाना के मौहल्ला खाकरोबान निवासी अमृत वाल्मीकि पुत्र कम्मो ठेकेदार की तैनाती मुजफ्फरनगर के नई मंडी स्थित ग्रेन चैंबर इंटर कॉलिज में क्लर्क के पद पर थी। पंचायत चुनाव में अमृत की ड्यूटी सदर ब्लॉक के ग्राम रथेड़ी में पोलिंग ऑफिसर के पद पर लगाई गई थी। जिसकी ट्रेनिंग एस डी पब्लिक स्कूल में हुई। तभी अमृत की तबियत खराब थी। ट्रेनिंग के दौरान ही अमृत ने अपने सेक्टर मजिस्ट्रेट को अवगत कराया कि उसकी तबियत ठीक नही है। मगर उसे कह दिया गया कि डयूटी करनी पड़ेगी। इसके बाद 18 अप्रैल को नवीन मंडी स्थल से पोलिंग पार्टी रवाना हुई।सदर ब्लॉक के रथेड़ी में उसकी डयूटी पोलिंग ऑफीसर प्रथम से हटाकर पीठासीन अधिकारी का दायित्व दे दिया गया था। इस बीच अमृत की हालत बिगड़ती रही। सवेरे बुखार 102 पहुंचा तो फिर से अमृत ने सेक्टर मजिस्ट्रेट से गुहार लगाई तो कहा गया कि ड्यूटी पूरी होने के बाद ही जा पाओगे। शाम ढलते ही हालत खराब हुई तो सांस में चुभन बढ़ गई थी। तत्काल ही परिजनों ने इलाज़ चालू कराया।20 अप्रैल से 22 अप्रैल तक वह जिंदगी व मौत के बीच जूझता रहा। रात्रि में उसकी मौत हो गई थी।