एन सी आर

तेज़ धमाके के साथ जमींदोज़ हुआ 2 मंजिला मकान, मौक़े पर 3 नाबालिग बच्चो की मौत… 4 की हालत गंभीर

पटाखा कारखाने में हुआ बड़ा हादसा

गाजियाबाद के लोनी के रूपनगर में धमाके के बाद चारों तरफ धुआं और धूल उड़ने लगी। आसपास के लोग अपने घरों से बाहर आए तो उन्हें कुछ नहीं दिखा। कुछ महिलाएं और बच्चों के चिल्लाने की आवाज आ रही थीं, जो कुछ देर में शांत हो गईं। मदद के लिए खड़े लोग समझ नहीं पा रहे थे कि कहां से आवाज आ रही हैं।

पड़ोस में रहने वाले सुरेंद्र ने देखा कि घर के पास एक मकान के मलबे के अंदर से कुछ आवाज आ रही हैं। वह अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे। मलबे के अंदर से बच्चे और महिलाओं की रोने की आवाज आ रही थीं। अंदर से मदद की गुहार लगाई जा रही थी। बाहर से वह आवाज लगाने लगे कि हम आ गए हैं, तुम्हें बचा लेंगें। लोगों ने अपने हाथों से मलबे को हटाने लगे। करीब पांच मिनट तक चीख-पुकार मचती रही फिर चीख धीरे-धीरे शांत होने लगीं। उन्होंने पहले दो बच्चों को बाहर निकाला, बच्चे बुरी तरह घायल हो चुके थे। एक-एक कर दो महिलाओं और चार बच्चों को बाहर निकाल लिया था।

अचानक खामोश हो गईं मलबे से आ रहीं चीखें, लोग बोले- हम आ गए हैं, तुम्हें बचा लेंगे, लेकिन…

UP: गाजियाबाद के रूपनगर कॉलोनी में 2 मंजिला मकान विस्फोट के साथ गिर गया। मलबे में 7 लोग दब गए, जिनमें से 3 लोगों की मौत हो गई। बाकी घायलों का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। एसीपी रजनीश कुमार उपाध्याय का कहना है कि प्रथम दृष्टया जांच में विस्फोट की जानकारी मिली है, लेकिन यह पटाखे का विस्फोट था या सिलिंडर फटने का, इसकी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। मरने वालों में अलीशा (15), इमरान(16) और अलीना (15) के नाम हैं। वहीं, घायलों में शाहिस्ता(36), नूरी (18), गीता (30) और महविश (38) शामिल हैं, जिस समय विस्फोट हुआ, इससे कुछ देर पहले ही कई कर्मचारी वहां से चले गए थे, जिससे वे बच गए। एसीपी ने बताया कि फरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया। बताया गया कि रूपनगर कॉलोनी में इमरान का मकान है। इसे इमरान ने सारिक नाम के व्यक्ति को किराये पर दिया था। लोगों का कहना था कि शारिक इस मकान में अवैध रूप से पटाखे बनाने का कारखाना चला रहा था। सुबह 11 बजे अचानक तेज धमाका हुआ और पहले मकान की छत गिरी और फिर पूरा मकान भरभरा कर गिर गया। तेज विस्फोट सुनकर पड़ोस के लोग मौके पर आ गए। लोगों की चीख-पुकार सुनकर मलबे से बाहर निकाला गया। आधा घंटे थमा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
जिस समय पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाल रही थी, उसी दौरान बारिश हो गई। इसके कारण आधा घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हो गया। बाद में बारिश कम होने पर डॉग स्क्वॉयड की मदद से मलबे को देखा गया, लेकिन कोई नहीं मिला।

मिट्टी से बना था पूरा मकान…

पुलिस और जीडीए टीम को पता लगा कि मकान काफी पुराना था, जिसकी चिनाई में मिट्टी का प्रयोग किया गया था। 50 गज के एरिया में मिट्टी का 2 मंजिल बना मकान पूरी तरह से अवैध था। जीडीए के अधिकारियों की मानें तो यहां पर नक्शा पास नहीं किया जाता है। लोनी के पुरानी बस्ती एरिया में यह मकान बना हुआ था। धमाका होने की वजह से पूरी तरह से जमीदोंज हो गया। पुलिस की टीम आसपास एरिया में ऐसे कारखानों की चेकिंग कर रही है। सवाल उठता है कि ऐसे मकान में पटाखे का कारखाना चल रहा था और किसी को खबर तक नहीं हुई है।

अवैध निर्माण पर सख्ती का निर्देश..

जीडीए ने लोनी एरिया में अवैध निर्माण रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। डीएलएफ, रेल विहार, वेद विहार और आसपास एरिया में अभियान चलाकर कार्रवाई की हिदायत दी है। जोन के नोडल ऑफिसर सीपी त्रिपाठी का कहना है कि अवैध निर्माण पर सख्ती बरती जाए। यदि इसमें किसी भी अधिकारी और कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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