पचास गांवों में बनेगी ग्राम पंचायत आपदा प्रबन्धन योजना

मुजफ्फरनगर। समुदाय आधारित आपदा प्रबन्धन योजना के अंतर्गत जनपद के पचास गांवों में आपदा प्रबन्धन की ट्रेनिंग दी जायेगी तथा साथ-साथ इन सभी गांवों की ग्राम पंचायत आपदा प्रबन्धन योजना भी बनायी जायेगी, ताकि आपदा से होने वाले नुकसानों को कम किया जा सके। योजना का सफलता पूर्वक क्रियान्वयन कराये जाने के लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र सिंह ने संबन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें ग्राम पंचायत आपदा प्रबन्धन योजना को बनाये जाने तथा समुदाय आधारित आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण कराये जाने के निर्देश दिये।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र सिंह ने कहा कि आपदाओं से बहुत अधिक जान व माल की हानि होती है, परन्तु यदि आपदा प्रबन्धन कर लिया जाये, तो जान व माल की होनी वाली बड़ी हानि को बहुत कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा समुदाय आधारित आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण परियोजना का फेज-2 प्लान किया गया है, जिसमें मुजफ्फरनगर के सभी नौ ब्लाॅक के पचास गांवों में समुदाय आधारित आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण कराया जायेगा। जिन गांवों में आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण कराया जायेगा, इन सभी गांवों की ग्राम पंचायत आपदा प्रबन्धन योजना भी बनायी जायेगी, जिसमें गांव का संक्षिप्त परिचय एवं परिस्थिति विश्लेषण, खतरा जोखिम व संवेदनशीलता विश्लेषण, ग्राम का क्षमता विश्लेषण एवं संसाधनों की सूचि, आपदा पूर्व तैयारी, रोकथाम एवं न्यूनीकरण उपाय का प्लान तैयार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस वीडीएमपी में गोताखोर व तैराकों का विवरण, नाव व नाविकों का विवरण, ग्राम पंचायत आपदा प्रबन्धन समिति भी बनायी जायेगी। ग्राम पंचायत आपदा प्रबन्धन समिति पांच उपसमितियों का गठन करेगी, जिसमें सूचना एवं पूर्व चेतावनी दल, खोज एवं बचाव दल, प्राथमिक उपचार दल, आश्रय प्रबन्धन दल, पेयजल व स्वच्छता दल शामिल रहेंगी। भविष्य में संभावित आपदाओं का विवरण एवं विस्तृत कार्ययोजना भी बनायी जायेगी। इसके अलावा ग्राम पंचायत आपदा प्रबन्धन योजना में महत्वपूर्ण इमरजेंसी फोन नम्बर, जिला, तहसील व ब्लाॅक स्तरीय महत्वपूर्ण सम्पर्क सूत्र व फोन नम्बर, ग्राम पंचायत स्तर पर महत्वपूर्ण कर्मचारियों के फोन नम्बर भी दिये जायेंगे। वीडीएमपी में गांव का मानचित्र, गांव का सामाजिक मानचित्र, गांव का आपदा जोखिम व संवेदनशीलता मानचित्र, गांव का सेवा मानचित्र व गांव का संसाधन मानचित्र भी बनाया जायेगा ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके।बैठक में सभी एसडीएम, तहसीलदार, जिला पंचायत राज अधिकारी, फायर सर्विस आफिसर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व सभी बीडीओ और राहत सहायक नासिर हुसैन मौजूद रहे।
मुसीबत में फंसे है तो आपदा मित्र बचायेगें जान
मु0नगर में 100 आपदा मित्र नियुक्त करने की कार्ययोजना तैयार
प्रशिक्षण कराकर संकट की घडी से बचाव के लिये हो रही तैयारी
मुजफ्फरनगर। संकट की घडी से संकटमोचक बनकर आपदा मित्र सामने आयेगें। सरकार की आपदा मित्र परियोजना के तहत जनपद में 100 आपदा मित्र तैनात किये जायेगें। इसके लिये कलेक्ट्रेट स्थित जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण कार्यालय से अधिक जानकारी ली जा सकती है।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रदेश के 48 जनपदों में राज्य आपदा मोचक निधि से आपदा मित्र परियोजना संचालित किये जाने के निर्देश प्राप्त हुये हैं जिसके अन्तर्गत जनपद मु0नगर में भी 100 आपदा मित्र नियुक्त होगें। इस सम्बन्ध में उ0प्र0 आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी राम केवल की ओर से दिशा निर्देश भी प्राप्त हुये है। उन्होनें बताया कि जनपद स्तर पर आपदा मित्रों/वॉलन्टियर्स के चयन के लिये शासन की ओर से मानक भी निर्धारित भी तय किये गये है। आयु सीमा 18 से 40 वर्ष तय की गयी है। पूर्व सेना अधिकारी, सेवा निवृत्त चिकित्सा कर्मी, इंजीनियर्स के लिये आयु में 05 वर्ष की छूट दी गयी है। यह योजना जनपद मु0नगर के मूल निवासियों के लिये ही हैं। न्यूनतम कक्षा 12 उत्तीर्ण युवा ही आवेदन कर सकते हैं। शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिये। मैडीकल फिटनेस प्रमाण पत्र अनिवार्य है। एन0सी0सी0, एन0एस0एस0, एन0वाई0के0एस0 एवं स्काउट के 50 प्रतिशत स्वयंसेवकों को प्राथमिकता दी जायेगी। शेष 50 प्रतिशत स्वयंसेवकों में पूर्व सैनिक, पूर्व अग्निशमन कर्मी व नागरिक सुरक्षा कर्मचारी लिये जा सकते हैं। आपदा प्रबन्घन व बचाव कार्य में अनुभव प्राप्त स्वयंसेवकों को वरीयता प्रदान की जायेगी। इनके प्रशिक्षण कार्यक्रम भी बैचवार आयोजित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
क्यों आवश्यकता पड़ी…
जनपद बाढ की दृष्टि से अत्यन्त संवेदनशील है। यहां आपदा से बचाव के लिये पर्याप्त मात्रा मे जल पुलिस, एन0डी0आर0एफ0 एवं पी0ए0सी0 की टीम उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में आपदा मित्रों का प्रशिक्षण कराकर आपदा से बचाव करने व राहत कार्य कराने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।