इंसानियत पर हावी हुआ कोरोना का डर, कूड़ा गाड़ी में ले जाना पड़ा शव

शाहवेज खान
जलालाबाद (शामली)। तस्वीर विचलित करने वाली है, लाश को कंधा देने वाले नही मिले तो नगर पंचायत की कूडा उठाने वाली गाडी मे ही शव को शमशान ले गये परिजन। महामारी के भय के बीच इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर ने हर किसी को हिला कर रख दिया है।
मामला जनपद शामली के जलालाबाद कस्बे का है,मौहल्ला मौहम्मदीगगंज मे रहने वाले डा0 प्रवास सरकार ‘बंगाली’ की 50 वर्षीय बहन बालामती का बुखार के चलते निधन हो गया था।परिवार मे डा0 के अलावा अन्य पुरूष नही होने के कारण शव को कांधा देने की समस्या थी। दुख की इस घडी मे आस पास के पडौसी भी कोरोना के भय से पास नही लगे। तो नगर पंचायत मे एक पड़ोसी की मदद से सम्पर्क किया गया। तो वहां से कूडा ढोने वाली गाडी लेकर एक कर्मचारी पहुच गया। उसी मे शव को लेकर डा0 प्रवास होली कल्लर स्थित शमशान घाट पहुच गये व जैसे तैसे कर शव का अन्तिम संस्कार कर दिया गया।इस बीच नगर पंचायत के एक सभासद द्वारा कूडे की गाडी मे रखे शव की फोटो खीचकर सोशल मिडिया पर वायरल कर दी। जिसके बाद जिस किसी ने भी उक्त मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर देखी तो लोगो का नगर पंचायत कें गैर जिम्मेदाराना रवैये व पडोसियो की संवेदनहीनता पर गुस्सा फूटने लगा। इस सम्बन्ध में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी विजय आनन्द से सम्पर्क नही हुआ। इस संबंध में इस संवाददाता ने नगर पंचायत अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार से सम्पर्क किया तो उन्होने बताया कि उक्त मामले मे किस प्रकार से उक्त गाडी गई उन्हे इसकी जानकारी नही है। किस कर्मचारी ने उक्त गाडी भेजी है इसकी जानकारी की जा रही है। जबकि जो कर्मचारी गाडी लेकर गये उनका कहना है कि चिकित्सक प्रार्थना पत्र लेकर आये थे, जिसमे मदद की गुहर लगाई गई थी।जिसके बाद आदेश मिलने के बाद ही वो गये व डॉक्टर की मदद की। बिना आदेश के हम कही नही जा सकते है। इस पूरे मामले पर डाक्टर बंगाली का कहना है कि उस वक्त उन्हे मदद की जरूरत थी, वो जैसे भी हुई उनकी बहन का अन्तिम संस्कार हो गया। उन्हे किसी से कोई शिकायत नही है। बताया जा रहा है कि डा0 प्रवास सरकार 10-12 दिन पूर्व ही बंगाल से अपनी बहन को साथ लेकर आये थे व उनकी बहन की तबियत पहले से खराब थी। कई रोज से तो उन्हे बुखार भी था।परन्तु कोरोना था या नही यह स्पष्ट नही है चूकि उनका कोई कोरोना टैस्ट नही हुआ था। परन्तु कोरोना का भय किस प्रकार से इंसानियत पर हावी हो चुका है, यह पूरा मामला इसका जीता जागता उदाहरण है।