अपना मुज़फ्फरनगर

गर्मी की आहट के साथ ही लू से बचाव को बनी कार्य योजना

आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जारी की एडवाइजरी, मनुष्य व पशु-पक्षियों को न होने पाये नुकसान

मुजफ्फरनगर। गर्मी की आहट के साथ ही शासन स्तर से हीट वेव से बचाव के लिये विभागीय कार्य योजना तैयार किये जाने के निर्देश के बाद जनपद स्तर पर हीट स्ट्रोक से बचने के लिये जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से एडवाईजरी जारी की गयी है ताकि मनुष्य एवं पशु-पक्षियों को होने वाले संभावित नुकसान से बचाया जा सकें। यह एडवाईजरी सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को भेजी गयी है। रेलवे विभाग, पर्यटन विभाग, नगर पालिका/नगर पंचायत, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, पशुपालन विभाग, वन विभाग, अग्निशमन विभाग, शिक्षा विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, पंचायती राज विभाग एवं विद्युत विभाग की जिम्मेदारियाँ तय की गयी है, जो कि शासन द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में हीट वेव से बचाव के लिये कार्य करायेगें।
जिलाधिकारी उमेश कुमार मिश्र के कुशल निर्देशन में नोडल अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने जारी की गई एडवाईजरी में बताया कि प्रति वर्ष लू प्रकोप से होने वाली क्षति के दृष्टिगत स्वास्थ्य केन्द्र एवं आंगनबाडी केन्द्रों पर ओ0आर0एस0 के पैकेट की व्यवस्था की जायेगी। तेज गर्मी में विद्यालयों के समय में परिवर्तन होगा। मोबाइल पर मैसेज जारी करके आम जनमानस को समय-समय पर होने वाली संभावित हानि से बचाव के लिये जागरूक किया जायेगा। उन्होनें बताया कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की जिम्मेदारी होगी कि सोशल मीडिया, समाचार पत्र व न्यूज चैनलों के माध्यम से जनता को जागरूक किया जाये। उन्होनें बताया कि लू से बचाव के लिये अधिक से अधिक पानी का सेवन किया जाये। हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले सूती वस्त्र पहने। धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपडे से ढककर रखें तथा छाते का प्रयोग करें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपडे से पोंछे अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें। ओ0आर0एस0, घर में बने पेय पदार्थ जैसे-लस्सी, चावल का पानी, नीबूं पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, बेहोशी आदि को पहचान लिया जाये। उन्होने बताया कि यदि बेहोशी या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सकीय सलाह लें। अपने घर को ठण्डा रखें। पर्दे, दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा रात व शाम के समय कमरों व घर को ठण्डा करने के लिये इन्हें खोल दें। पंखे, गीले कपडे का प्रयोग करें तथा बार-बार स्नान करें।
जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि जिले मे तापमान बढ रहा है। आने वाले समय में और अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। गर्मी मे मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियो को पानी की आवश्यकता होती है। जब मनुष्य को प्यास लगती है तो पानी का संग्रहण कर लेता है अथवा वह कही से भी पानी मांगकर पी लेता है, लेकिन परिंदो व पशुओ को तपती गर्मी मे यहां वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। गर्मियो मे कई परिंदो व पशुओ की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। लोगो का थोड़ा सा प्रयास घरो के आस पास उड़ने वाले परिन्दों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी को बचाया जा सकता है।
विभागों को दिये गये दिशा निर्देश
शासन के प्रमुख सचिव पी0 गुरूप्रसाद की ओर से मिले निर्देश के बाद सम्बन्धित विभागों को लू प्रकोप से बचाव एवं राहत की तैयारी की कार्ययोजना बनाने के लिये दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिका, नगर पंचायत, श्रम विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज, विद्युत विभाग, परिवहन विभाग, रेलवे, वन विभाग व पर्यटन विभाग की जिम्मेदारियां तय कर दी गयी है।

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