अफसरों को धमका रहे यूट्यूबर, पत्रकारिता के नाम पर चमका रहे धंधा

मुजफ्फरनगर। जनपद में एक बार फिर फर्जी पत्रकारों की बयार बह रही है। कोरोना काल मे जहाँ वरिष्ठ पत्रकार भी अपने दफ्तरों से कवरेज करने में लगे है वही इसका लाभ फेसबुकिये व यू ट्यूबर ने उठाना शुरू कर दिया है। कुछ लोग तो ऐसे है जो सोशल मीडिया पर खबर चला देने के नाम पर अफसरों को धमका रहे है। पिछले 10 दिनों में अवैध वसूली के कई मामले सामने आए तो एक सार्वजनिक ग्रुप पर थानेदार को गाली देने का प्रकरण सामने आया है।
पिछले साल पुलिस कप्तान अभिषेक यादव ने फर्जी पत्रकारों के खिलाफ अभियान चलाकर आधा दर्जन ऐसे लोगो को जेल भेज दिया था। जो पत्रकारिता के नाम पर लोक डाउन तोड़ने में लगे थे। इन लोगो के जेल जाने के बाद ऐसे लोगो पर लगाम कसी गई थी। मगर अब फिर से ऐसे लोग सक्रिय हो चले है। जिनका पत्रकारिता से दूर तक कोई लेना नही होता,मगर माइक लगाकर जगह जगह चौराहों पर कमेंट्री करते नज़र आते है। कुछ अपने यू ट्यूब अकॉउंट को न्यूज़ चैनल बताकर लोगो पर रौब झाड़ते नज़र आते है। इनका न तो सूचना विभाग में कोई पंजीकरण है और न ही आर एन आई के पास कोई डाटा। ऐसे हालात में इन फर्जी पत्रकारों की पौबारह हो रही है। बता दे की जिले में ऐसे यू ट्यूब अकाऊंट की संख्या दर्जनों में है जो खुद को न्यूज़ चैनल बताकर लोगो को गुमराह करते नज़र आते है। गत दिवस एक यूट्यूब अकॉउंट धारक ने खुद को पत्रकार बताते हुए एक सार्वजनिक व्हाट्सएप ग्रुप से थानेदार के लिए अपशब्दों का प्रयोग कर डाला। मामला बढ़ गया तो उसे माफी मांगकर अपना पीछा छुड़ाना पड़ा। नगर के साथ साथ खतौली, चरथावल,पुरकाजी,शाहपुर, बुढाना, तितावी,खतौली आदि कस्बो में भी फर्जी पत्रकारों की संख्या तेजी से बढ़ी है। यहां तक कि पीडीएफ पर आने वाले अखबारों के भी कई कई दर्जन पत्रकार दलाली करते विभिन्न थानों में घूमते देखे जा सकते है। इससे पहले हुई कार्यवाही में बिल में दुबक जाने वाले कथित लोगो की बयार बहने से लोग आज़िज़ आ चुके है। पहले की तरह राशन डीलरों से अवैध वसूली जारी है।