CM के फैसले से सभी मृत कर्मचारियो व शिक्षको के परिजनों को मिलेगी आर्थिक सहायता व सरकारी नोकरी भी

लखनऊ। पंचायत चुनाव ड्यूटी अवधि में कोविड संक्रमित शिक्षक- कर्मचारियों की मौत के मामले में फजीहत झेल रही सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।सरकार ने लिस्ट के मुताबित काल का ग्रास बने शिक्षक व कर्मचारियों को सूची में शामिल करने को कहा है। चुनाव आयोग से बात कर यूपी सरकार पंचायत चुनाव में कोविड से जान गंवाने वाले शिक्षक कर्मचारियों की मदद के लिए गाइडलाइंस बदलेगी।
शिक्षकों की मौत पर जारी सरकारी आंकड़ों पर सवाल कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की और से सवाल उठने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग से नियमों में संशोधन का आग्रह किया है। योगी सरकार ने गाइडलाइन में ड्यूटी अवधि में कोविड संक्रमित शिक्षक- कर्मचारियों की मौत को शामिल करने को कहा है। सीएम योगी ने कहा कि चुनाव ड्यूटी के दौरान हर मौत दुखद है और राज्य सरकार की संवेदनाएं प्रत्येक कर्मचारी और उसके परिजनों के प्रति है। सीएम योगी के अनुसार, ‘चुनाव ड्यूटी करने वाले जो भी लोग कोरोना के कारण दिवगंत हुए हैं, उन्हें चुनाव आयोग की गाइडलान में संशोधन कर मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए।’
सीएम योगी ने कहा, ‘चुनाव आयोग की गाइडलाइंस जिस वक्त जारी हुई थीं उस समय कोरोना नहीं था। इसलिए मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचायती को राज राज्य निर्वाचन आयोग से गाइडलाइंस में संशोधन का अनुरोध करने को कहा गया है।’
सरकार की तरफ से तीन मौतों का दावा होने पर हुई थी आलोचना
बता दें कि पंचायत चुनाव में शिक्षकों की मौत को लेकर सरकार और शिक्षक संगठनों की तरफ से अलग-अलग आंकड़े जारी किए गए हैं। यूपी सरकार ने चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए कहा कि 3 शिक्षकों की मौत की प्रमाणित सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई है।
शिक्षक संगठनो ने किया था विरोध,आंदोलन की थी धमकी
शिक्षक संगठनों के अनुसार, पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है। संगठनों ने सभी के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि और आश्रितों को सरकारी नौकरी की मांग की है। मुजफ्फरनगर से शिक्षक नेता रईसुद्दीन राणा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस फैसले के लिए आभार जताया है।