गर्मी की छुट्टी में कोविड ड्यूटी लगाने पर नाराज़ हुए शिक्षक, BSA को दिया ज्ञापन

मुजफ्फरनगर। स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा हो चुकी है। इसके बावजूद भी जनपद में शिक्षकों की ड्यूटी कन्ट्रोल में लगा दी गई। जिसको लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने अपना विरोध जताते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम की मौजूदगी में वरिष्ठ सहायक फसीहुद्दीन को ज्ञापन दिया। जिलाध्यक्ष बालेन्द्र कुमार, जिला मंत्री राकेश राठी व जू.हा. शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजीव बालियान ने ज्ञापन में कहा कि गर्मी की छुट्टी में कोई ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती। लेकिन यहां शासनादेश का उल्लंघन करते हुए शिक्षकों को मौत के मुंह में धकेला जा रहा हैं। इनका कहना था कि कोविड कन्ट्रोल रूम में शिक्षको का कोई काम नहीं है। वहां अन्य विभाग के कर्मचारी की ड्यूटी लगनी चाहिए। हाईकोर्ट भी स्पष्ट कह चुका है कि शिक्षक से शिक्षण के अलावा कोई कार्य न लिया जाये। परिषदीय शिक्षको को राजकीय कर्मचारियों की भांति किसी भी प्रकार का उपार्जित अवकाश नहीं है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की ड्यूटी लगाना उनके मूल अधिकारो का हनन है। दिये गये ज्ञापन में कहा गया कि पंचायत चुनाव के दौरान हजारो शिक्षक मौत के मुंह में चले गये। उस समय भी संगठन ने सरकार से अनुरोध् किया था कि चुनाव टाल दिया जाये। लेकिन सरकार ने एक सुनी। जिसका नतीजा यह निकला कि बेसिक शिक्षा विभाग के 1621 शिक्षक काल का ग्रास बन गये। इसी तर्ज पर एक बार फ़िर गर्मियों की छुट्टी में बिना किसी सुरक्षा व बचाव के ही उन्हें कोविड कन्ट्रोल रूम की ड्यूटी में धकेला गया। जिससे उनकी जान को खतरा बन चुका है। कई जनपदो में कोविड कन्ट्रोल रूम में लगाये गये शिक्षकों की मौत भी हो चुकी है। जिलाध्यक्ष बालेन्द्र कुमार ने बताया कि इस सम्बन्ध में बीएसए माया राम को अवगत कराया जा चुका है। इसके बावजूद भी यदि जबरन ड्यूटी लगाई जाती है तो प्रदेश भर में इस मुद्दे पर आंदोलन की घोषणा हो सकती हैं।