हिंदी पत्रकारिता दिवस पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन

मुजफ्फरनगर के श्रीराम काॅलेज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर “कोरोना काल में हिन्दी पत्रकारिता की भूमिका“ विषय पर आनलाइन वेबिनार का आयोजन किया। जिसके मुख्यवक्ता डा0 प्रशांत, विभागाध्यक्ष, मीडिया स्टडीज, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, बिहार, मुख्य अतिथि गौरव सिंह, एंकर और प्रोड्यूसर, डी0डी किसान चैनल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा0 रविन्द्र राणा उपसंपादक अमर उजाला ने की।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा0 प्रशांत ने अपने संबोधन में बोलते हुए कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के वक्त सूचनाओं के प्रसारण, विश्लेषण और आयामों को लेकर जिस तरह की संजीदा भूमिका हिन्दी पत्रकारिता ने की है वह अत्यंत ही प्रशंसनीय और सराहनीय है। इस महामारी के दौरान पत्रकारिता ने सूचना, शिक्षा और जागरूकता के विषय में समाज के अहम और विश्वसनीय साझेदार की भूमिका निभाई है। जिससे देश की जनता को इस संकट से उबरने में जागरूक किया जा सके और स्वयं को कोरोना संक्रमण से बचा सके। उन्होंने आगे कहा कि जब कोई भी मुश्किल की घडी सामने होती है तब लोगों को उसके पीछे के कारण, परिणाम और उससे बचाव की जानकारी की जरूरत होती है। ऐसे में लोगों की इन सभी जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी पत्रकारिता की होती है। कोरोना महामारी के वक्त में लोगों को मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, हाथों को लगातार धोने, स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और नियमित व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका प्रशंसनीय है।
वेबिनार के मुख्य अतिथि गौरव सिंह एंकर व प्रोड्यूसर डी0डी किसान चैनल ने अपने संबोधन में बोलते हुए कहा कि हम क्या कहते हैं और क्या सोचते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है सोचने की ताकत से जिससे भावों की व्यक्ति होती है। जिसकी निर्भरता उसे प्रस्तुत करने का तरीका बताती है क्योंकि मुखरता को जब शब्द मिलते हैं तो वह ओजपूर्ण बनती है। इस आवाज के कई चेहरे होते हैं जिसमें प्रेस संबंधित बातें आती हैं। उन्होंने आगे कहा कि खबर की सच्चाई को दिखाना इतना आसान नही होता। उसके लिए लाख तरीके निकालने पडते हैं जिसे सही मायने और सही तरीके से जनता के सामने ला सकें।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डा0 रविन्द्र राणा उपसंपादक, अमर उजाला ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि जहां तकनीकी विकास से सूचनाएं प्राप्त करना सरल हो गया है। वहीं सूचनाओं की निश्पक्षता व सार्थकता पर प्रश्नचिन्ह भी लगने लगा है। इसलिए सूचनाओं को ग्रहण करते समय उनका आंकलन करना अति आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारिता एक समग्र तंत्र है जिसमें प्रिंटिंग प्रेस, पत्रकार, इलेक्ट्राॅनिक माध्यम, रेडियो, सिनेमा, इंटरनेट आदि सूचना के माध्यम सम्मिलित होते हैं। वर्तमान समय में पत्रकारिता के इन सभी माध्यमों की उपयोगिता, महत्व एवं भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है। कोई भी समाज, सरकार, वर्ग, संस्था या समूह व्यक्ति मीडिया की उपेक्षा कर आगे नहीं बढ़ सकता।
इस अवसर पर विभाग के विभागाध्यक्ष रवि गौतम ने वेबिनार में उपस्थित हुए मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता एवं कार्यक्रम के अघ्यक्ष का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया की भूमिका यथार्थ सूचना प्रदायक के रूप में होनी चाहिए। मीडिया द्वारा समाज को संपूर्ण विश्व में होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलती है इसलिए मीडिया का यह प्रयास होना चाहिए कि सभी जानकारियां यथार्थपरक हों। सूचनाओं को तोड-मरोडकर या दूषित कर प्रस्तुत करने का प्रयास नहीं होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया का प्रस्तुतीकरण ऐसा होना चाहिए जो समाज का मार्गदर्शन कर सके।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की प्रवक्ता वैशाली गर्ग, शिवानी बर्मन आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में कम्प्यूटर एप्लीकेशन के प्रवक्ता अमित त्यागी तथा एप्लाईड साइंस के प्रवक्ता डा0 मोहित शर्मा भी उपस्थित रहें।