झोलाछाप ने दुश्मनो को रंजिशन फंसाने के लिए खुद को मारी थी गोली

शब्बीर अहमद सैफी
बुलंदशहर : डिबाई पुलिस ने करीब एक सप्ताह पूर्व डिबाई के मौहल्ला ऊँचा निवासी लेखराज को गोली मारकर घायल करने के सम्बन्ध में दर्ज किये गए मामले में खुलासा करते हुए पूरे प्रकरण को फर्जी बताया है। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि जाँच में पता चला कि नामजद लोगों को रंजिशन फ़साने के लिए घटना को अंजाम दिया था।
जानकारी के मुताबिक करीब एक सप्ताह पूर्व डिबाई के मौहल्ला ऊँचा निवासी कु० सिम्मी ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि ग्राम कसेर निवासी साजिद व सलीम पुत्रगण ताहिर ने उसके पिता को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी। घायल लेखराज एक झोलाछाप डॉक्टर थे। जिन्हे उपचार के लिए सीएचसी डिबाई में भर्ती कराया गया था जहाँ से हालत नाजुक होने पर उसे अलीगढ मेडिकल कॉलेज को रेफर कर दिया गया था। जहाँ ऑपरेशन कराने के बाद एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद उपचार के दौरान उनकी मौत हो गयी थी। जाँच पड़ताल में नामजद आरोपियों की संलिप्तता संदिग्ध पायी गयी। बारीकी से छानबीन करने पर तथा घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी खंगालने पर खुलासा हुआ कि मृतक लेखराज अकेला ही पैदल जाता दिखाई दे रहा था उसके आसपास भी कोई अन्य व्यक्ति नहीं था। उसके मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग को चेक करने पर पाया गया कि उसने तमंचा ग्राम निवासी एक व्यक्ति से लिया था। पुलिस ने नामित आरोपियों के घर जाकर देखा तो वे लोग अपने घरों पर ही थे तथा उन्हें देखकर उनके द्वारा कथित घटना किये जाने की सम्भावना पर भी संदेह हुआ। गहनता से छानबीन करने पर पता चला कि मृतक लेखराज ने कसेर निवासी चन्द्रसेन को तमंचा रखने के लिए दिया हुआ था। जिसे लेखराज ने फोन कर तमंचा वापस देने की बात कही। लेखराज ने वह तमंचा लेकर खुद को गोली मार ली तथा ग्राम कसेर निवासी साजिद व सलीम पुत्रगण ताहिर को फंसाने के लिए उन्हें नामित किया था। लेखराज के पुत्र द्वारा थाना डिबाई पर लिखित सूचना दी गयी कि ऑपरेशन थिएटर में जाने से पूर्व उसके पिता लेखराज द्वारा बताया गया था कि उसको तमंचे से स्वयं गोली लगी थी तथा उसके पिता द्वारा रंजिश में कसेर निवासी साजिद एवं सलीम का नाम बताया था।
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मृतक लेखराज ने नामित आरोपियों को फंसाने के लिए स्वयं ही खुद को गोली मारकर घटना को अंजाम दिया था। जाँच में नामित आरोपियों का कोई भी सम्बन्ध घटना से नहीं मिला है।




