नज़र किसकी खा गयी हमारे चाँद को …….

प्रसिद्ध शिया विद्वान के चेहल्लुम की मजलिस का हुआ आयोजन
(काज़ी अमजद अली )
मुज़फ्फरनगर।प्रसिद्ध शिया विद्वान मौलाना कमर गाज़ी जैदी के चेहल्लुम के अवसर पर मजलिस का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में शिया धर्मगुरुओ, विद्वानों तथा गणमान्यों ने रंजो गम का इज़हार करते हुवे दिवंगत मौलाना को खिराजे अक़ीदत पेश की व उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया साथ ही कर्बला के वाकये को बयां किया गया।
हर आँख अश्कबार थी हर चेहरा ग़म का पैकर था सिसकियां हिचकियो में तब्दील हो गयी थी ये कौन शख्सियत थी जिसके पुरसे के लिये रहबरों कदम उधर खींच रहे थे ये मन्ज़र था ककरौली क्षेत्र के गांव बेहड़ा सादात में स्थित इमाम बारगाह दीवाने खास का जहाँ मौलाना कमर सुल्तान अपने भावुक सम्बोधन में उस महान विद्वान की खिदमात पर रोशनी डाल रहे थे ज़िंदगी और मौत के फलसफे को बयान करते हुवे कहा कि मरहूम मौलाना क़मर गाज़ी का दुनिया से चला जाना बड़ी सामाजिक क्षति है । ऐसे आलिम रोज पैदा नहीं होते हैं ।उनकी जिंदगी समाज और मज़हबी खिदमत के लिये सर्फ थी । वो ऐसे आलिम थे जिनका किसी भी आलिम से इख़्तिलाफ़ (मतभेद) नही था ।मसनद पर बैठी आलिमो की बड़ी तादाद इस बात की गवाह है । इंसान को मौत और जिंदगी के अंतर को समझना चाहिए। कुछ लोग जिंदा रहते हुए भी मुर्दे के समान हैं। और वह जो मर कर भी फैज़ ओर लाभ का माध्यम हैं । बुरे और अच्छे का अंतर यही है कि बुरे को कहा जाता है कि मर जाए तो अच्छा है । और अच्छे इंसान के लिए कहा जाता है कि और जी जाते तो अच्छा था ।अच्छे इंसान किसी को भी कष्ट नहीं देते जिससे मिलकर रूह को सुकून मिले, जिससे मुलाकात की आरजू और तड़प बाकी रहे ,वही उज्ज्वल चरित्र वाले लोग ईश्वर के नजदीक हैं । एक यज़ीद ज़ालिम की जिंदगी थी जिसे कोई जीना नहीं चाहता ।और एक इमाम ए ज़माना हजरत हुसैन की शहादत है जिसे हर कोई पाना चाहता है । मौत हलाकत (विनाश) ना बने । वरन मौत जो कि जिस्म को छोड़ देने का नाम है कामयाब हो । ऐसे अमल जो दूसरों के मुफीद हों ,ख़िदमत ए ख़ल्क़ का जज़्बा ओर हक परस्ती करनी चाहिए ।लूटने वालों का कोई तवारीख इतिहास नहीं होता । लुटाने वाले सकी दानवीरों का नाम हमेशा अमर रहता है । त्याग व कुर्बानी की भावना के साथ जिंदा रहे तो मौत भी जिंदगी बन जाएगी ।
इस दौरान मुख्य रूप से सैय्यद असद रज़ा हुसैनी ,सय्यद मसरूर अब्बास, मौलाना कमर हसनैन,तकी रज़ा देहलवी , मौलाना आबिद अब्बास मंचासीन रहे नहाख्वानी ज़ीशान हैदर व सोज़ख़्वानी हसन अली ने की इसके अलावा सपा नेता सैय्यद अली अब्बास,रालोद नेता डॉ.हाशिम रज़ा जैदी, प्रधान शाहरज़ा नक़वी, मुमताज़ जैदी, नियाज़ मेहदी,औसत मियाँ उपस्थित रहे ।