याद किया गया बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी को

मुजफ्फरनगर में बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी की 116वी जयंती के मौके पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अब्दुल्ला काजी व संचालन सलीम अहमद अंसारी (शहर अध्यक्ष कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग) ने किया।अब्दुल्ला काज़ी ने बताया कि अब्दुल कय्यूम कांग्रेस के सबसे ज़्यादा वफादार नेताओं में से एक थे वे कई कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रहे।उनकी कई खासियतों में एक सबसे बड़ी बात ये थी कि वो दलितों, पिछड़ों और गरीबों के बारे में हमेशा फिक्रमंद रहते थे। उन्होंने बिहार के लगभग सभी जिलों में गरीब छात्रों के लिए छात्रावास और मुफ्त भोजन की स्थापना कराई।
सलीम अहमद अंसारी ने कहा कि अब्दुल कय्यूम अंसारी ने जिन्ना व हिन्दू महासभा के टू-नेशन फार्मूले का डटकर विरोध किया और भारत को अपना सबकुछ मानते हुए इसकी आज़ादी के लिये अंग्रेज़ो से डटकर मुकाबला किया उनके सम्मान में एक डाक टिकट 1 जुलाई 2005 को भारत सरकार ने जारी किया। मुख्य अतिथि नगर अध्यक्ष कांग्रेस जुनैद रऊफ ने बताया कि अब्दुल कय्यूम अंसारी ज़िन्दगी के शुरुआती हिस्से में ही जंग ए आज़ादी में शरीक हो गए थे।अपना नाम स्कूल से सिर्फ इसलिये कटवा लिया था क्योंकि वो स्कूल अंग्रेज़ो का था अंग्रेज़ी स्कूल से नाम कटवाने के बाद इन्होंने एक स्कूल की स्थापना करवाई।जिसकी वजह से इनको जेल में रहना पड़ा।1919 में खिलाफत आंदोलन व 1920 में गांधी जी के आह्वान पर बिहार में असहयोग आंदोलन का नेतृत्व किया और 1937-38 में मोमिन आंदोलन की शुरुआत की ,अब्दुल कय्यूम अंसारी हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक थे क्योंकि वो समाज के दबे कुचले गरीब मज़दूर वर्ग के उत्थान के लिये हर समय तैयार रहते थे और इन वर्गों के उत्थान के लिये बार बार आवाज़ बुलंद करते थे। जुनैद रऊफ ने अब्दुल कय्यूम अंसारी की तरह ही समाज के हर वर्ग की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझने की अपील की व इनकी शिक्षा पर चलने का आह्वान मौजूद रहे। शहर अध्यक्ष जुनेद रऊफ कांग्रेस इकबाल कुरैशी, प्रदेश महासचिव अफजाल मलिक,प्रदेश सचिव कमेटी काजी सुल्तान, सलमान कुरैशी,रिजवान अहमद, गफ्फार अंसारी, अब्दुल रहमान,सरताज खॉन, शोएब शारीक, साद मियां,इरशाद,अमान ,अबूज़र ,अयान, समीर ,उमेर. आरिश अनस अन्य कार्यकर्ता मोजुद रहे!