अरविंद केजरीवाल के स्वार्थ ने अन्ना आंदोलन को कमजोर किया: शमून कासमी

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कोर्ट मेम्बर व अन्ना हज़ारे कोर टीम के सदस्य बिजनोर के मूल निवासी मुफ़्ती शमून कासमी सोमवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे। यहां उन्होंने करप्शन के खिलाफ 26 साल से आंदोलनरत मास्टर विजय सिंह के धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए और इस आन्दोलन को खत्म कराया जाए ताकि इन्साफ जिंदा रहे। यहां ट्रू स्टोरी के ब्यूरो चीफ अनस नसीर से उन्होंने बेबाक बातचीत की। जिसमे उन्होंने अपने ख्यालत का इज़हार किया। यह इंटरव्यू शाह टाइम्स अखबार ने आल एडिशन प्रकाशित किया है।
इंटरव्यू के कुछ अंश
सवाल-1 मुल्क के हालात के मद्देनजर मुस्लिम समाज को क्या करना चाहिए।
उत्तरः 1947 में जिस वक्त मुल्क आजाद हुआ था, तब और आज के हालात में ज्यादा अंतर नहीं है। देश की आजादी के दौरान काफी लोग बंटवारे में पाकिस्तान चले गए थे, जिन लोगों ने इस मुल्क को पहली पसंद बनाया, उनके सामने परेशानी यह रही कि उस समय की लीडरशिप ने उन्हें एजुकेशन से महरूम रखा। यही वजह थी कि मुस्लिम समाज के लोग वोट बैंक बनकर रह गये। लंबा अरसा गुजरने के बाद भी समाज पिछड़ा रहा। यहां तक कि मुस्लिम हितैषी कही जाने वाली कांग्रेस ने मुस्लिमों को भाजपा व आरएसएस से डराए रखा। जिसका नतीजा यह निकला कि मुस्लिम समाज के लोग मुख्य धरा से दूर हो गए और वे राजनीतिक दलों की हार जीत में ही उलझे रहे। वे अपने इदारे व यूनिवर्सिटी कायम नहीं कर पाए।
प्रश्नः 2.केजरीवाल के राजनीति में आने से अन्ना आंदोलन पर क्या असर पड़ा?
उत्तरः भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे आंदोलन एक बडी चोट थी। यहां तक कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस आंदोलन को देखते हुए अपने दागी नेताओं को पीछे कर लिया था, कहीं ऐसा न हो कि जनता उनका इलाज कर दें, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने खुद इस खराब राजनीति में एन्ट्री करके अन्ना आंदोलन को बर्बाद किया। इससे ये मूवमेंट कमजोर हुआ। निजी स्वार्थ के चलते केजरीवाल ने इस आंदोलन को कुर्बान कर दिया। जबकि सत्यता यह है कि ऐसे लोगों को राजनीति में नहीं आना चाहिए।
प्रश्नः 3. वक्फ बोर्ड की प्रोपर्टियों का सही सदउपयोग कैसे हो?
उत्तरः पूरे प्रदेश में वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियां गलत हाथों में हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर आदि जनपदों पर ही निगाह दौड़ाई जाए, तो यहां इन सम्पत्तियों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। आज भी 10 रुपए माहवार पर दुकानें चढी हुई हैं। जबकि पुराने समय में हमारे बुजुर्गों ने अपनी सम्पत्ति सिर्फ इसलिए वक्फ की थी कि कौम को फायदा हो, लेकिन यह सम्पत्ति आज खुर्द-बुर्द हो रही है।
प्रश्नः 4. मास्टर विजय सिंह को इंसाफ कैसे मिले ?
उत्तरः पिछले 26 साल से यहां धरना दे रहे मास्टर विजय सिंह अन्ना आंदोलन से जुड़े हैं। इसी आंदोलन को समर्थन देने के लिए वे दिल्ली से मुजफ्फरनगर पहुंचें है। मास्टर विजय सिंह ने आंदोलन का एक रिकॉर्ड बनाया है, वे राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं। सरकार को इनकी मांगों का संज्ञान लेना चाहिए, ताकि भ्रष्टाचारियों के खिलापफ कडी कार्यवाही की जा सके।
प्रश्नः 5. मोबलिंचिंग पर क्या रुख है ? यह कैसे रुके।
उत्तरः मोबलिंचिंग इंसान नहीं, बल्कि इंसानियत का कत्ल है। खुद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इस बात को लेकर स्पष्ट कर चुके हैं कि देश में मोबलिंचिंग होने से देश की बदनामी हो रही है। ऐसे लोगों पर कडी कार्यवाही होनी चाहिए। हालांकि पिछले कुछ सालों में इस तरह की घटनाओं में कमी आई है।
प्रश्नः 6. समाज के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे ?
उत्तरः संसार का पहला ग्रंथ वेद है, अंतिम ज्ञान कुरआन है, दोनों का मूलमंत्र एक है। ऐसे में जाति व मजहब को भूलकर लोगों को इंसानियत का धर्म देखना चाहिए। सीएए व एनआरसी के नाम पर लोगों को बरगलाया जा रहा है। सच्चाई यह है कि इस कानून से किसी की नागरिकता जाने वाली नहीं है। जिन लोगों को इस कानून से नागरिकता मिलेगी, उनसे हमारा इंसानी रिश्ता है। सीएए के माध्यम से सरकार जोड़ने का काम कर रही है, कहीं भी तोड़ने की कोई बात सामने नहीं आई है।