देश कहाँ मेरा आज़ाद है..

मन तो मेरा भी करता है झूमू , नाचू , गाऊ में
देश हमारा आज़ाद है ये सोच कर जशन मनाऊं में
कहने को आज़ाद हैं हम देश हमारा हिंदुस्तान है !!
यहाँ गीता और कुरान आपस में खेलें आँख मिचोली
बात बात पर मजहब की चलती हैं यहाँ पर गोली
कोई केसरिया पर इतराता है तो किसी को हरे पर गुमान है
इंसानों की कीमत नहीं यहाँ लिबासो की पहचान है!
कहने को आजाद हैं हम देश हमारा हिंदुस्तान है!!
अल्लाह और ईश्वर के नाम पर दंगे करते फिरते हैं
मन्दिर और मस्जिद के नाम पर हथियार उठाये जाते हैं
नाबालिग संग अत्याचारों पर भले ही चुप्पी साधे रहते हों
पर मुद्दा पदमावती का हो तो हम भारत बनकर आते हैं !
कहने को आज़ाद हैं हम देश हमारा हिदुस्तान है!!
जिसकी कुर्सी उसकी सत्ता चारों तरफ ये शोर है
है किस हाल में जनता किसी को इस पर कहाँ गौर है
बेरोजगारी घर घर तम्बू गाड़े बैठी है
झटपटा रही है गरीबी उसकी आवाज़ कुचल दी जाती है!
कहने को आज़ाद हैं हम देश हमारा हिंदुस्तान है!!
है डेमोक्रेसी पर तस्वीर कुछ और दिखाई देती है
कुर्सी और सत्ता में आने की होड़ लगी रहती है
सियासत में जम जाए ऐसी बस ऐसी इच्छा सबकी रहती है
क्युँ की इन्ही से देश इन्ही से कानून और इन्ही से अदालते चलती हैं!
कहने को आजाद हैं हम देश हमारा हिंदुस्तान है!!
नम्रता चौहान
सीकर ( राजस्थान )