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मौलाना की रिहाई के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे उलमा: जैनुल राशिद्दीन

उलमाओं का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम व कप्तान से मिला

महविश ज़ाकिर
मेरठ। मौलाना कलीम सिद्दीकी की बरामदगी को लेकर नायब शहर काजी जैनुल राशिद्दीन व कारी शफीकुर्रहमान उलमाओं के साथ जिलाधिकारी एवं एसएसपी से मिले। उलमाओं ने मौलाना को सही सलामत बरामद करने की मांग की। दूसरी ओर, यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के मामले में मौलाना को गिरफ्तार दिखा दिया है। इस मामले में कारी शफीकुर्रहमान का कहना है कि मौलाना की पैरवी की जाएगी। हालांकि, अभी चीजें स्पष्ट नहीं हुई है। नायब शहर काजी का कहना है कि मौलाना की रिहाई के लिए जमीयत उलमा कानूनी लड़ाई लड़ेगा।
जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में नायब शहर काजी जैनुल राशिद्दीन ने बताया कि फुलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी अपने चार साथियों संग लिसाड़ीगेट क्षेत्र के हुमायुंनगर में आए थे। देर रात्रि वे वापस लौट रहे थे। मौलाना जब घर नहीं पहुंचे और उनके मोबाइल भी बंद आए, तो उनकी जानकारी ली गई। इस संबंध में रात्रि में ही लिसाड़ीगेट थाने में सूचना दे दी गई थी। अनहोनी की आशंका को देखते हुए बरामदगी की मांग उलमाओं ने की। इस मौके पर कारी अनवर, कारी अफ्फान, रियासत अली, मुफ्ती जमीर, डा. फारूख, मौलाना असद जिलानी, मौलाना अलीमुद्दीन, कारी अमीरूद्दीन, मौलाना शाहनवाज, राशिद एडवोकेट, हाजी शीराज रहमान आदि मौजूद रहें।
इसलिए गिरफ्तार किए गए मौलाना
दूसरी ओर, यूपीएटीएस के अनुसार मुजफ्फरनगर निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी दिल्ली में रहते है। विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण के कार्य को अंजाम देते हैं, जिसके लिए विदेशों से फंडिंग की जाती है। वह गैर मुस्लिमों को गुमराह और भयाक्रांत कर उन्हें धर्मांतरित करता है और फिर उन्हें भी इस कार्य में लगाता है। यही वजह है कि जांच एजेंसी ने उन्हें पकड़ा है। पूछताछ में सामने आया कि मौलाना कलीम जामिया इमाम वलीउल्ला नामक एक ट्रस्ट संचालित करता है। वह कई मदरसों की फंडिंग भी करता है जिसके लिए उसे विदेशों से भारी धनराशि हवाला के जरिए भेजी जाती है।
अभिनेत्री सना का निकाह कराने की चर्चा
चर्चा है कि पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री सना खान का निकाह भी मौलाना कलीम सिद्दीकी ने ही कराया था। सना खान ने अपने फिल्मी कॅरियर को छोड़कर एक मौलाना से निकाह करने के बाद इस्लामिक कल्चर से जीवन व्यतीत करने का फैसला किया था, जो काफी चर्चा का विषय बना था। अब धर्मांतरण के मामले में मौलाना से पूछताछ के बाद एटीएस ने पूरे मामले में सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
बिना सबूत के गिरफ्तार करना गलत
नायब शहर काजी जैनुल राशिद्दीन का कहना है कि मौलाना की गिरफ्तारी बिना सबूतों के की गई। किसी के कहने से कोई आरोपी नहीं बन जाता। सही तस्दीक होने के बाद ही गिरफ्तारी करनी चाहिए। जमीयत उलमा पूरे मामले की कानूनी राय लेने के बाद मौलाना की रिहाई के लिए लड़ेगा। कारी शफीकुर्रहमान का कहना है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार एक समुदाय को निशाना बनाकर माहौल खराब करने का प्रयास कर रही है।

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