कुर्रतुल एन हैदर ने अपने उपन्यासों में महिलाओं के दर्द को उकेरा

उर्दू विभाग और आयुषा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम
मेरठ। उर्दू विभाग और आयुषा के संयुक्त तत्वावधान में कुर्रतुल एन हैदर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता इलाहाबाद विश्वविद्यालय की उर्दू विभाग अध्यक्षा प्रोफेसर शबनम हमीद ने की। डॉक्टर शादाब अलीम ने स्वागत, फरहा नाज ने आभार और सैयदा मरियम इलाही ने संचालन के दायित्व निभाए।
कार्यक्रम का शुभारंभ चौधरी चरण सिंह विवि की वीमेन सेल की अध्यक्षा प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने की। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कुर्रतुल एन हैदर के उपन्यासों एवं कहानियों में महिलाओं के दर्द को प्रस्तुत करने की सफलतापूर्वक कोशिश की गई है, वर्तमान में कुर्रतुल एन हैदर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध साहित्यकारों में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उर्दू विभागाध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुर ने कहा कि यह साप्ताहिक कार्यक्रम विशेष रूप से छात्रों में प्रतिभा, उनकी सोच और उनके अंदर परिपक्वता लाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाएगा। हमारा उद्देश्य छात्रों को एक मंच पर लाना और उनकी समस्याओं को हल करना है। छात्रों में लिखित और मौखिक स्तर पर शैक्षणिक क्षमता बनाना भी हमारा लक्ष्य है।
प्रोफेसर शबनम हमीद ने कहा कि स्त्री चेतना के संदर्भ में समाज के संरक्षण पुरुष, महिला, प्रियजन, रिश्तेदार शामिल है लेकिन, महिलाएं उत्पीड़न की शिकार है। कुर्रतुल एन हैदर ने महिलाओं के उत्पीड़न को सार्थक तरीके से चित्रित किया है। डॉक्टर रेशमा परवीन व डा. रिहाना सुल्ताना ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।