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कृषि विज्ञान हमारी कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था की रीढ़: आनंदी बेन

कृषि विज्ञान हमारी कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था की रीढ़: आनंदी बेन पटेल
-दीक्षांत समारोह में विवि द्वारा 275 डिग्रियां व 07 मेडल किए गए प्रदान
मेरठ। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में बुधवार को चतुर्दश दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। यहां कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कृषि विज्ञान हमारी कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने खेत में कार्य कर रहे किसानों के अनुभव भी साझा करें। कृषि शिक्षा के अंतर्गत विश्वविद्यालय स्तर पर उद्यमिता विकास कर छात्रों को विभिन्न प्रशिक्षणों के द्वारा स्वावलंबी बनाया जा रहा है, जिससे छात्र शिक्षा पूर्ण करने के बाद नौकरी करने वाले ना बनकर, नौकरी देने का काम कर पाए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दुगुनी करने पर कार्य कर रही हंै। समारोह के समापन पर राष्ट्रगान हुआ। कार्यक्रम में विवि द्वारा 275 डिग्रियां व 07 मेडल प्रदान किये गये।
कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा की कृषि विज्ञान हमारी कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान को और अधिक कैसे प्रभावी बनाया जाए। इस विषय पर आप सभी नौजवानों को सोचना होगा, पिछले कुछ वर्षों में भारत में ऐसे एग्रीटेक स्टार्ट अप की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जो न केवल तकनीकी को और सुदृढ बना रहे हैं बल्कि, किसान को अपने जीवन को बेहतर बनाने में भी मदद कर रहे हैं। कुलाधिपति ने कहा की महिलाएं समाज की महत्वपूर्ण कड़ी हैं, उनका सम्मान एवं सशक्तिकरण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। भारत को सशक्त करने के लिए महिलाओं को सशक्त करना होगा, यदि महिलाओं को समान अवसर प्रदान किए जाएं तो वह भी अपनी प्रतिभा को परिलक्षित करने में कहीं भी पीछे नहीं है। इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण आज के इस दीक्षांत समारोह में कृषि महाविद्यालय के तीनों उत्कृष्टता पदक छात्रों द्वारा प्राप्त किया जाना है। इस अवसर पर कुलसचिव डा. डीके सिंह, प्रबंध परिषद के सदस्य मनोहर सिंह तोमर, निखिल त्यागी, वित्त नियंत्रक लक्ष्मी मिश्रा, सुमन त्यागी एवं विद्युत परिषद के सदस्य तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति आदि उपस्थित रहे।
भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक: रमेश चंद
मुख्य अतिथि सदस्य नीति आयोग डॉक्टर रमेश चंद ने अपने संबोधन में कहा कि विकासशील देश ही विश्व का 80 प्रतिशत भोजन उत्पादित करते हैं। भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक है, जिसने गत वर्ष 296.65 मिलियन टन खाद्यान्न, बागवानी 319.50 मिलियन टन उत्पादन एवं 198.40 मिलियन टन दूध, 8.6 मिलियन टन मास 14 .10 मिलियन टन मत्स्य तथा 114 .40 बिलियन अंडों का उत्पादन किया है।
12 अग्रणी संस्थानों से अनुबंध किए: डा. आरके मित्तल
दीक्षांत समारोह में बोलते हुए कुलपति डॉक्टर आरके मित्तल ने कहा, यह विश्वविद्यालय शिक्षा शोध और प्रसार के कार्यों को गति प्रदान करने के लिए सदा प्रयास कर रहा है, अभी हाल ही में 12 अग्रणी संस्थानों से अनुबंध किए गए हैं। शोध निदेशालय के अंतर्गत विभिन्न वित्त पोषित संस्थाओं द्वारा 4777 लाख की कुल 32 शोध परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें गत वर्ष राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत कुल 1342 लाख की 9 परियोजनाएं सम्मिलित है। कुलपति डॉक्टर आरके मित्तल ने बताया, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मानव संपदा का पोर्टल शुरू किया गया है, जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक 261 सर्विस बुक का सत्यापन हो चुका है, इसी के साथ-साथ विश्वविद्यालय ने डीजी लॉकर में भी रजिस्ट्रेशन कर लिया है।
छात्राएं 19.64 एवं 80.36 प्रतिशत छात्र रहें उपाधि प्राप्तकर्ता
कुलसचिव डा. डीके सिंह ने बताया कि समारोह में कुलाधिपति व कुलपति द्वारा कुल 167 स्नातक, 93 परास्नातक एवं 15 पीएचडी की उपाधियां वितरित की गयी। उपाधि प्राप्तकर्ताओं मेंं 19.64 प्रतिशत छात्राएं एवं 80.36 प्रतिशत छात्र रहे। समारोह में 07 मेडल प्रदान किये गये जिसमें बीएससी (कृषि) के छात्र यशराज को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, दिशा अग्रवाल को कुलपति स्वर्ण पदक, अनन्या सिंह को कुलपति रजत पदक एवं संस्कृति सिंह को कुलपति कांस्य पदक प्रदान किये गये। इसी प्रकार बीटेक बायोटेकनोलाजी के छात्र दिव्यांशु तिवारी को कुलपति स्वर्ण पदक, नयन्शी पाठक को कुलपति रजत एवं शिव कांत मिश्रा को कुलपति कांस्य पदक प्रदान किये गये तथा सदस्य नीति आयोग डा. रमेश चन्द्र को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

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