कैमरा जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है: विजय शंकर

कैमरा जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है: विजय शंकर
-चौधरी चरण सिंह विवि में आयोजित साप्ताहिक कार्यशाला में बोले फिल्म मेकर
मेरठ। आज कैमरा हर किसी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है, कैमरे द्धारा किसी भी लम्हें को संजो कर रखा जा सकता है और यादगार बनाया जा सकता है। वहीं आज हर कोई अपने स्मार्टफोन से सेल्फी लेने का आदि हो चुका है। और तो और आज कैमरे पर ही पूरी की पूरी फिल्म और टीवी इंडस्ट्री टिकी हुई है। यह बात तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल द्वारा सिनेमौटोग्राफी पर आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन दिल्ली से आए फिल्म मेकर विजय शंकर ने कही।
उन्होंने कहा कि बदलते युग के साथ कैमरे के आकार और मॉडल भी बदलते गए और आज नई मॉडर्न तकनीक से लैस अलग-अलग तरीके के कैमरे बाजार में उपलब्ध हैं, यहीं नहीं आज कैमरे मोबाइल के साथ-साथ कई डिवाइसेस में भी उपलब्ध हैं। विजय शंकर ने कैमरे का इतिहास बताते हुए कहा कि कैमरे कई प्रकार के होते हैं। डिजिटल सिंगल लेंस रिफ्लैक्स कैमरा, मूवी कैमरा, सिंगल लैंस रिफ्लैक्स कैमरा, टॉय कैमरा, ट्विन लैंस रिफ्लैक्स कैमरा, सीसीटीवी कैमरा, वीडियो कैमरा होता है। वहीं फिल्मों का इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि फिल्मों में अनेक प्रकार के कैमरे प्रयोग में लाए जाते हैं। जिसके माध्यम से अनेक प्रकार के शॉटस को रोचक व देखने योग्य बनाया जा सकता है। वहीं उन्होंने प्रतिभागियों से शॉर्ट फिल्म भी बनवाई। इस दौरान तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार, डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव, बीनम यादव, मितेंद्र कुमार गुप्ता, राकेश, उपेश दीक्षित, ज्योति वर्मा, नाजर, राजीव आदि मौजूद रहे।