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पालिका के नगर स्वास्थ्य अधिकारी को पद से हटाया

-सीएमओ कार्यालय में एसीएमओ के पद पर संभालेंगे काम-काज
मुजफ्फरनगर। पिछले कई दिनों से अपने पत्रों के माध्यम से सनसनी फैलाने के साथ ही पालिका में पुलिस को ले जाकर कार्यालय पर जबरन कब्जा करने की दुहाई देने वाले डा. बिजेन्द्र सिंह को पालिका अध्यक्ष से पंगा लेना महंगा पड़ गया है। अध्यक्ष की शिकायत और संस्तुति के आधार पर सीएमओ ने पालिका में कथित भ्रष्टाचार और घोटाले के अखाड़े में चल रहे युद्ध के बीच डा. बिजेन्द्र को पालिका के संकट भरे माहौल से श्एयर लिफ्ट कर लिया है। अब वह नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कायम नहीं रहेंगे और सीएमओ कार्यालय में एसीएमओ के पद पर कामकाज संभालेंगे। नगर पालिका परिषद् में अध्यक्ष अंजू अग्रवाल के खिलाफ लगातार मोचार्बंदी होती रही है। उनके विरोधियों ने शासन और प्रशासन का सहारा लेकर उनको घेरने का भरपूर प्रयास किया। जिला स्तर पर कई बार जांच कराई गई। जिलाधिकारी को माध्यम बनाकर सत्ता के सहारे शासन तक जांच रिपोर्ट भिजवाकर उनको भ्रष्टाचार और अनियमितता में दोषी तक ठहराया गया। इसके बावजूद भी शासन पर कार्यवाही का दबाव बनाया गया। शासन ने दोषी ठहराने के बाद भी पालिकाध्यक्ष को पदमुक्त करने के बजाये चेतावनी जारी कर मात्र 1.95 लाख रुपये का जुमार्ना लगा दिया। शासन का यही कदम विपक्ष को एक टीस दे गया। इसके बाद भी पालिकाध्यक्ष की घेराबंदी कम नहीं की गई। टिपर वाहन खरीद घोटाला, एक नवम्बर की हंगामाखेज बोर्ड बैठक, दो सभासदों के खिलाफ मुकदमा, टिपर वाहन खरीद में करोड़ों के गबन का मुकदमा सहित कई ऐसे प्रकरण विपक्ष ने मुख्य मुद्दा बनाकर पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल को घेरने का प्रयास किया, लेकिन वह दृढ़ता के साथ जनता के बीच अपनी बात लेकर डटी रही। अब हाल ही में पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. बिजेन्द्र सिंह के बीच खुलकर सामने आये विवाद की तपिश में विपक्षी खेमे के लोगों ने अपने हाथ सेंकने का काम शुरू किया ही था कि उनको करारा झटका मिला है। 35 टिपर वाहन खरीद में विपक्ष लगातार करोड़ों रुपये का घोटाला होने के आरोप लगाता रहा है। ऐसे में मामला पुलिस तक पहुंचा है। यह मामला विपक्ष ने शासन तक भी पहुंचाकर पालिकाध्यक्ष के खिलाफ कानूनी एवं दण्दात्मक कार्यवाही कराने की पैरवी की है, लेकिन अभी इस प्रकरण में कुछ नहीं हो पाया है। इसी बीच पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल का नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. बिजेन्द्र से विवाद शुरू हो गया। मामला वैसे तो पहले से ही सुलग रहा था, लेकिन इसको हवा मिली 21 फरवरी को। इस दिन पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल पालिका कार्यालय का निरीक्षण करने के लिए पहुुंची तो उन्होंने विभागीय समीक्षा भी शुरू कर दी थी। इसमें नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. बिजेन्द्र भी उपस्थित रहे, लेकिन वह कुछ ही मिनट में वहां से चले गये। इसको लेकर पालिकाध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि उनकी कार्यप्रणाली के कारण शहरी सफाई व्यवस्था और दूसरे प्रकरण में समीक्षा नहीं हो सकी। वह पेशाब करने का बहाना बहाकर बैठक छोड़ भागे। इसके बाद डा. बिजेन्द्र ने भी अखबारबाजी शुरू की और पालिकाध्यक्ष अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार में सहभागी होने के सीधे आरोप लगाकर सनसनी फैलाने का काम किया। इसी को लेकर पालिकाध्यक्ष ने 22 फरवरी को सीएमओ को दो पृष्ठ का पत्र लिखकर नगर स्वास्थ्य अधिकारी के आचरण पर कई सवाल उठाये और उनको पालिका से पदमुक्त करते हुए निलम्बन की संस्तुति कर दी थी। इसके साथ ही उनके कार्यालय में ताला लगवा दिया गया। पालिकाध्यक्ष ने इसके लिए कहा था कि वह कार्यालय में नहीं बैठते हैं और कार्यालय में कीमती सामान रखा हुआ है। इसलिए ताला लगाया गया है। इसके बाद पहले तो नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने पालिकाध्यक्ष को पत्र लिखकर उनके अधिकारी को चुनौती दी और साफ कहा था कि उनको पदमुक्त करने या निलम्बन करने का अधिकार उनको नहीं है। इसके अगले दिन वह सीओ सिटी से मिले और कार्यालय पर जबरन कब्जा कर ताला लगाने की शिकायत की। बाद में पुलिस फोर्स लेकर वह कार्यालय का ताला खुलवाने के लिए पहुंचे लेकिन कर्मचारियों के बयान लेकर पुलिस बिना ताला खुलवाये वापस लौट आई थी। यह उनको झटका माना गया और आज शनिवार को नगर स्वास्थ्य अधिकारी को तगडा झटका लगा। पालिकाध्यक्ष से पंगा लेने पर उनको पालिका से हटा लिया गया है। इसके लिए सीएमओ डा. एमएस फौजदार ने शनिवार को एक आदेश जारी किया। इसमें उन्होंने बताया कि नवम्बर 2021 को पालिका के नगर स्वास्थ्य अधिकारी के रिक्त पद पर विभाग के एसीएमओ डा. बिजेन्द्र सिंह की तैनाती की गई थी। 22 फरवरी को पालिकाध्यक्ष ने उनको पदमुक्त करते हुए उनके विरुद्ध विपरीत परिस्थिति दशार्ते हुए पत्र भेजा है, जिसमें अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की संस्तुति की गई है। सीएमओ ने पत्र में पालिकाध्यक्ष द्वारा लगाये गये तीन प्रमुख आरोपों का उल्लेख किया है, इनमें कहा गया है कि डा. बिजेन्द्र सिंह द्वारा अपने पदीय दायित्व का निर्वहन न करने के कारण शहर में सफाई व्यवस्था चैपट हो गयी है। जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, कूड़ा सड़कों पर फैल गया है, जिससे गंभीर संक्रमण व बीमारी उत्पान्न होने की स्थिति पैदा हो गयी है। उनके द्वारा सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के संचालन में कोई रूचि नहीं ली जा रही है और पालिकाध्यक्ष की समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं हुए तथा फोन भी नहीं उठाया गया।
इन्हीं बिन्दुओं के आधार पर सीएमओ डा. एमएस फौजदार ने डा. बिजेन्द्र को पालिका में नगर स्वास्थ्य अधिकारी पद से श्एयर लिफ्टश् यहटाते हुएद्ध अपने कार्यालय में मूल तैनाती पर कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिये हैं। डा. बिजेन्द्र को सीएमओ ने निर्देश दिये है कि वह पालिका में बिना प्रतिस्थानी के ही कार्यमुक्त होकर मूल पद पर कार्यभार ग्रहण करें। डा. बिजेन्द्र की पालिका से छुट्टी को एक बार फिर से पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल की जीत माना जा रहा है।