साहित्य
नारी को सम्मान दो, सम्मान दो….
नारी को सम्मान दो, सम्मान दो
दे सको तो मान दो,अभिमान दो
नारी से जन्मे हे, तीर्थंकर भगवान
नारी का तुम साथ दो, तुम हाथ दो
इस धरा पर नारी ने, बहुत ही जुल्म हैं सहें
फिर भी सब भूल कर, पुरुष के साथ रहे
अपने घर को छोड़कर, वो सारा जीवन संग रहे
जिन्दगी के हर सफर में, साथ रहे आगे रहे
दुख में हो या सुख में, हर पल साथ रहे।
नारी को सम्मान दो, सम्मान दो
दे सको तो मान दो, अभिमान दो
सरिता जैन, मुरैना