10 साल के संघर्ष ने अतुल प्रधान को बनाया विधायक

-लगातार दो हार के बाद भी डटे रहे मैदान में, पत्नी को दिया जीत का तोहफा
मेरठ। प्रदेश में फिर से योगी सरकार बन रही है, लेकिन जनपद में भाजपा को झटका लगा है। सरधना से रालोद-सपा गठबंधन से चुनाव लड़े अतुल प्रधान ने यहां जीत दर्ज कर ली। उन्होंने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हराकर जीत हासिल की है। शादी की सालगिरह पर उन्होंने अपनी पत्नी सीमा को जीत को तोहफा दिया है।
अतुल प्रधान का जज्बा इस बार उनके सितारे बुलंद कर गया। सामने मजबूत प्रत्याशी और मजबूत पार्टी होने के बाद भी अतुल प्रधान लगातार अपने क्षेत्र में मेहनत करते रहे, जिसका फल उन्हें मौजूदा चुनाव में मिला। जब उनकी पार्टी तो चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी लेकिन, उनकी जीत जरूर पक्की हो गई। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से निकलकर उत्तर प्रदेश की विधानसभा में कदम रखने वाले सपा नेता अतुल प्रधान का पूरा जीवन संघर्षों का प्रतीक है। पहले छात्र राजनीति में लगातार संघर्ष और फिर सरधना विधानसभा से लगातार दो चुनावों में हार के बाद भी हार ना मानने का उनका जज्बा उनकी किस्मत के दरवाजे खोल गया। मजबूत विपक्षी के सामने लगातार दो चुनाव हारने के बाद भी अतुल प्रधान अपने क्षेत्र में लगातार डटे रहे। हर मुद्दे पर जनता के साथ खड़े रहे। तमाम मुकदमे झेले, लेकिन कदम पीछे नहीं हटे। कोरोना काल में जब सब नेता अपने घरों में दुबके रहे तब, अतुल प्रधान तमाम खतरे उठाकर भी अपने साथियों के साथ जनता की सेवा करते रहे। जरूरतमंदों तक राशन पहुंंचाया, उनकी आर्थिक मदद की, हर जरूरत में पीड़ित के साथ खड़े होने का जज्बा ही उन्हें विजेता बना गया।
संगीत सोम को ले डूबा अहंकार:-
ये अतुल का जीवट ही रहा कि सामने संगीत सोम जैसा मजबूत प्रतिद्वंदी होने के बाद भी उनके कदम पीछे नहीं हटे। उनकी मेहनत पर पार्टी ने भी उन पर भरोसा बनाए रखा और दो बार हारने के बाद भी लगातार तीसरी बार टिकट थमा दिया। परिणाम सामने है। वहीं भाजपा नेता संगीत सोम को उनका अहंकार ले डूबा। लगातार जनता से दूर रहना भी उनके लिए नुकसानदायक रहा।
शादी की सालगिरह पर मिला जीत का तोहफा:-
विधायक बने अतुल प्रधान के लिए गुरुवार का दिन उनकी पत्नी के लिए तोहफा लेकर आया। संगीत सोम को हराकर जीत का ताज पहना। इससे बड़ी और खुशी उन्हें क्या हो सकती है।