श्रीमद् भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ
मुजफ्फरनगर के शिव दुर्गा मंदिर लक्ष्मण विहार में श्रीमद् भागवत कथा कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुई।श्री मद्भागवत कथा के प्रथम दिन कथा व्यास आचार्य श्री धर्मेन्द्र उपाध्याय जी महाराज ने कहा कि जन्म-जन्मांतर एवं युग-युगांतर में जब पुण्य का उदय होता है, तब ऐसा अनुष्ठान होता है। श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है। इसे सुनने से पापी भी पाप मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वेदों का सार युगों-युगों से मानवजाति तक पहुंचाता रहा है। भागवतपुराण उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है, जो वेदों से प्रवाहित होती चली आई है। इसलिए भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है। उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण का बखान किया,कहा कि सबसे पहले सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई थी, उन्हें सात दिनों के अंदर तक्षक के दंश से मृत्यु का श्राप मिला था। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा अमृत पान करने से संपूर्ण पापों का नाश होता है। श्रीमद् भागवत कथा में वरिष्ठ समाजसेवी एवं किसान चिंतक कमल मित्तल,सूर्यवंशी,सचिन सिंघल ,प्रदीप गर्ग,अर्जुन तिवारी ,राकेश, श्री शिव दुर्गा मंदिर समिति लक्ष्मण विहार आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।