शुकतीर्थ सिद्ध पीठ मां पूर्णागिरी आश्रम में हुआ संत सम्मेलन

बहुत सारे संत महात्मा नशा करते है जिनका समाज में अच्छा प्रभाव नही पड़ता: महाराज
मुजफ्फरनगर। तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित सिद्ध पीठ मां पूर्णागिरी आश्रम में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। जहाँ साधु सन्तों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर स्वामी कुबेरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि बहुत सारे संत महात्मा नशा करते है जिनका समाज में अच्छा प्रभाव नही पड़ता है इसलिए संतों को नशे का त्याग कर देना चाहिए। महामंडलेश्वर गोपाल दास महाराज ने कहा कि संतों को अपने चोले को ध्यान में रखते हुए अपनी मर्यादाओं का पालन करना चाहिए। संयोजक बीके प्रवेश बहन ने कहा कि मेडिटेशन करने से जीवन में न्याय करने की कला विकसित होती है। मान, अपमान, निंदा स्तुति करने की क्षमता बढ़ जाती है। वायुमंडल पवित्र व शक्तिशाली हो जाता है। मेडिटेशन तनाव को दूर करता है। दिन भर की भागदौड़ में तनाव से मुक्ति के लिए मेडिटेशन जरूरी है। मनुष्य की आत्मा हर्षित व प्रसन्नचित रहती है। जीवन में सदा उमंग उत्साह बना रहता है। जीवन में दिव्य गुणों की प्राप्ति होती है। राजयोग से शारीरिक, बौधिक, आर्थिक आध्यात्मिक विकास होने लगता है। राजयोग से व्यक्ति प्रभावशाली होने लगता है। कार्यक्रम में स्वामी भरत देव महाराज, भीमनाथ महाराज, महेंद्र दास, भगतदास महाराज, धर्म गिरी, विश्वरेश्वर पुरी, बीके अक्षय, बीके परी बहन आदि मौजूद रहे ।