अपना मुज़फ्फरनगर
दबाव में आये ईओ ने उतरवाये होर्डिंग्स, भारी पड़े 2 भाजपा सभासद
शासन तक पहुंची है शिकायत, ईओ बोले-प्रशासन के निर्देश पर की गयी हटवाने की कार्यवाही

प्रशासनिक अफसरों ने मामले की जानकारी से किया इंकार, बोले-होर्डिंग हटवाने को नहीं दिया कोई आदेश
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में होर्डिंग्स विवाद में आज उस समय नया मोड़ आ गया, जबकि सभासदों के सवालों से नाराज होकर बोर्ड मीटिंग से भाग खड़े होने वाले अधिशासी अधिकारी ने अब चेयरपर्सन के द्वारा पालिका परिवार की ओर से शहर में शिवभक्तों के स्वागत के लिए लगाये गये होर्डिंग्स ही उतरवा दिये। इसके साथ ही ईओ ने होर्डिंग्स लगाने वाले ठेकेदार को भी जमकर फटकार लगाई और साफ कर दिया कि यह होर्डिंग्स पालिका प्रशासन की ओर से नहीं लगाये गये है। इससे साफ है कि ईओ चेयरपर्सन तथा 55 बोर्ड सदस्यों को पालिका प्रशासन का ही हिस्सा मानने को तैयार नहीं है। ईओ इस कार्यवाही के लिए प्रशासनिक आदेश की बात कह रहे हैं, जबकि प्रशासनिक अफसरों ने चेयरपर्सन के होर्डिंग्स उतरवाने का कोई आदेश देने या इस मामले का संज्ञान भी होने से इंकार किया है। अब इस मामले को लेकर पालिका में नई तकरार शुरू हो गयी है। चेयरपर्सन ने होर्डिंग्स उतरवाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए लखनऊ विधानसभा के सामने से ही ईओ की इस हरकत के लिए चेतावनी भरा जवाब भी भेजा है।
बता दें कि सावन मास की शिवरात्रि के अवसर पर कांवड यात्रा के दौरान हरिद्वार और अन्य स्थानों से गंगाजल लेकर मुजफ्फरनगर में पधारने वाले शिव भक्त कांवडियों के स्वागत के लिए हर बार की भांति इस बार भी नगरपालिका परिषद् के पूर्ण परिवार की ओर से शहर में स्वागत के लिए शहर के प्रमुख चैराहों और कांवड मार्ग पर करीब 8-9 होर्डिंग्स लगवाये गये। इन होर्डिंग्स पर पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ ही केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान और सदर विधायक एवं राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल और नगर विकास मंत्री एके शर्मा के साथ ही पालिका के 50 निर्वाचित और 5 नामित सदस्यों के नाम और फोटो भी लगाये गये। इनमें वार्ड संख्या 13 के भाजपा सभासद राजीव शर्मा और वार्ड संख्या 43 के भाजपा सभासद मनोज वर्मा के नाम तो होर्डिंग्स पर लिखे नजर आये, लेकिन उनके फोटो का स्थान खाली छोड़ दिया गया। मुजफ्फरनगर शामली रोड पर चेयरपर्सन का होर्डिंग इसी यूनीपोल पर लगा था, जिसको ईओ हेमराज सिंह के आदेश पर उतरवा दिया गया है। 13 जुलाई की बोर्ड बैठक में यह मुद्दा उठाया गया था, तो चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कहा था कि उनको इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन जिन लोगों के फोटो नहीं लगे हैं, उनके काले कारनामे के कारण ही फोटो काले हो गये होंगे। बाद में उन्होंने मीडिया को बयान दिया था कि सभासदों से कई कई बार फोटो मांगे गये थे, जिन सभासदों ने फोटो उपलब्ध कराये हैं, उनके फोटो लगा दिये गये। इस मामले में सभासद राजीव शर्मा और मनोज वर्मा ने फोटो नहीं लगाने पर चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल पर उनको अपमानित करने के आरोप लगाते हुए शासन से शिकायत की थी और जिला प्रशासन से भी होर्डिंग्स को लेकर कार्यवाही करने की मांग की थी। सूत्रों का कहना है कि इसी को लेकर प्रशासनिक स्तर पर ईओ हेमराज सिंह को कड़ी हिदायत दी गयी और ईओ ने प्रशासन के निर्देश पर ही ठेकेदार को बुलाकर जमकर फटकार लगायी और होर्डिंग्स उतारने के निर्देश दे दिये। शुक्रवार को ठेकेदार ने काली नदी के पास शामली रोड पर यूनीपोल पर लगा होर्डिंग्स हटा दिया। इसके साथ ही अन्य स्थानों से भी चेयरपर्सन के होर्डिंग्स उतारने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी थी। ईओ का कहना है कि उन्होंने ठेकेदार को होर्डिंग्स पर पालिका के अधिकारी कर्मचारी का उल्लेख हटाने के लिए भी कहा था। पालिका ने कोई भी इस तरह का होर्डिंग्स नहीं लगवाये हैं। उन्होंने कहा कि एडीएम प्रशासन के निर्देश पर कार्यवाही की जा रही है। जब इस सम्बंध में एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि होर्डिंग्स का ऐसा कोई प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है। न ही उन्होंने कोई आदेश दिये हैं। उनका कहना है कि जो कार्यवाही की गयी है, उसका ईओ को ही पता होगा। वहीं बोर्ड मीटिंग में पर्यवेक्षक रहे नगर मजिस्ट्रेट अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है, जबकि बोर्ड मीटिंग में उनके सामने ही यह प्रकरण उठाया गया था।
सभासद राजीव शर्मा का कहना है कि होर्डिंग्स गलत ढंग से लगाये गये थे, चेयरपर्सन को यह अधिकार नहीं है।
शहर से हटवाऊंगी अवैध होर्डिंग्स: अंजू अग्रवाल
नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने ईओ हेमराज सिंह द्वारा दबाव के कारण उनके होर्डिंग्स हटवाये जाने को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। सोशल मीडिया ग्रुप पर उनका एक वीडियो जारी हुआ, इसमें वह लखनऊ में राज्य विधानसभा के समक्ष खड़ी नजर आ रही है। इस वीडियो में वह कह रही हैं कि उनको जानकारी मिली है कि उनके द्वारा अपने निजी खर्च पर सभासदों के फोटो के साथ शहर में कुछ स्थानों पर शिवभक्त कांवडियों के स्वागत में होर्डिंग्स लगवाये गये थे, उनको उतार दिया गया है। उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मैं मुजफ्फरनगर पहुंच रही हूं, वहां आकर मामला देखूंगी, जिसने भी मेरे निजी खर्च पर लगे होर्डिंग उतारे हैं, उससे पूछा जायेगा। उन्होंने कहा कि काले कारनामे करने वालों के फोटो नहीं लगे तो कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। यदि इन लोगों को फोटो लगवाने हैं तो विकासशील सोच के साथ जनता के लिए शहर के लिए काम करें। जनता को जवाब दें कि पालिका में साढ़े चार साल में जनता के लिए इन्होंने क्या किया है? उन्होंने कहा कि विकासशील सोच को विकसित करें और साथ आयें। चेयरपर्सन ने चेतावनी दी कि अब वह शहर में लगे अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ अभियान चलवायेंगी और उनको हटाने का काम किया जायेगा। उनका कहना है कि यह होर्डिंग्स उन्होंने अपने निजी खर्च पर लगवाये हैं तो पालिका से भुगतान का सवाल ही नहीं उठता है।
पालिका नहीं करेगी चेयरपर्सन के होर्डिंग्स का भुगतान!
पालिका में होर्डिंग्स विवाद का यह दूसरा मामला है। 18 जुलाई को बोर्ड मीटिंग के दौरान टाउनहाल के बाहर लगाये गये होर्डिंग को लेकर भी खासा हंगामा और बवाल मचा था। इसके बाद भी रातोंरात ईओ ने होर्डिंग को बदल दिया था। वह मंत्री कपिल देव अग्रवाल का फोटो नहीं लगाये जाने को लेकर हटवाया गया था और अब दो भाजपा सभासदों के फोटो नहीं लगाये जाने पर विवाद बना हुआ है। शहर में लगे चेयरपर्सन के इन होर्डिंग्स को ईओ हेमराज सिंह के द्वारा आज हटवा दिया गया है, वहीं अब इन होर्डिंग्स के भुगतान का पेंच भी फंसता नजर आ रहा है। ईओ का कहना है कि पालिका ने ऐसे कोई भी होर्डिंग लगाने का आदेश नहीं दिया है। ऐसे में भुगतान का सवाल ही नहीं उठता है। वहीं भाजपा सभासद राजीव शर्मा का कहना है कि पालिका के खर्च पर इस तरह के होर्डिंग नहीं लगाये जा सकते हैं। हम इसके भुगतान का विरोध करेंगे।