अपना मुज़फ्फरनगर
जानलेवा बन चुके काली राख के ढेरो की प्रशासन ने कराई बेरिकेटिंग
प्रदूषण विभाग की टीम ने राख के सेम्पल लेकर प्रयोगशाला को भेजे

राख के निस्तारण को लेकर प्रशासन ने कार्य योजना पर कार्य शुरू किया
मुजफ्फरनगर। जौली गंग नहर पटरी पर डाली गई गर्म राख को लेकर अब प्रशासन हरकत में आ गया प्रतीत हुआ है। उपजिलाधिकारी के आदेश पर खतरनाक बन चुके क्षेत्र की बेरिकेटिंग कराई गई है व प्रदूषण विभाग की टीम ने राख के सेम्पल लिए हैं। राख के निस्तारण को लेकर प्रशासन ने कार्य योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। भोपा थाना क्षेत्र के जौली व नंगला बुजुर्ग गंग नहर पटरी पर लगे खतरनाक काली राख के ढेर की बेरिकेटिंग प्रशासन द्वारा कराई गई है तथा खतरे के संकेत का चेतावनी बोर्ड लगाया गया है। भोपा गंग नहर पटरी पर भारी मात्रा में फैक्ट्री से निकली काली राख को डाला गया है। एक निश्चित स्थान पर लगे राख के ढ़ेर में धँसकर ग्रामीण झुलस रहे हैं। बीते मंगलवार को सिखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव भिककी निवासी मोमीन व उसका भतीजा सैफ उस समय झुलसकर घायल हो गए थे जब वह चूल्हे के लिए ईन्धन की लकड़ियाँ बीन रहे थे। घटना के बाद मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी जानसठ अभिषेक कुमार नायब तहसीलदार जसमेन्द्र सिंह व क्षेत्राधिकारी गिरजा शँकर त्रिपाठी, थाना प्रभारी निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह रावत ने घटना स्थल का मुआयना किया। बुधवार को एसडीएम अभिषेक कुमार ने बताया कि जहाँ ये राख पड़ी हुई है उस स्थान की बेरिकेटिंग करा दी गई है। जिससे कोई व्यक्ति उधर न जाए। प्रदूषण विभाग की टीम ने राख के सैम्पल लिए हैं। प्रयोगशाला में जाँच के उपरांत ये पता चल सकेगा कि राख में कौन सा कैमिकल मिला है जो बारिश के पानी के साथ तेजी से अभिकिर्या कर रहा है। प्रयोगशाला की जाँच रिपोर्ट आने के बाद राख को नहर पटरी से हटवाकर किसी नियत स्थान पर उसका निस्तारण कराया जायेगा। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।