अपना मुज़फ्फरनगर
BKU ने SDM को बंधक बनाया, भूमि अधिग्रहण में किसानों के शोषण का आरोप

भाकियू अराजनैतिक का तहसील में हल्ला बोल
-एसडीएम सदर पर लगाया किसानों को चार बताने का आरोप
-किसानों ने मुख्य गेट पर किया कब्जा, एसडीएम सदर को कार्यालय में किया बंद
-भूमि अधिग्रहण मामले में मुआवजा दिये बिना मुकदमा कराने पर रोष, लम्पी वायरस और नलकूपों पर चोरी रोकने की मांग

मुजफ्फरनगर। किसानों पर भूमि अधिग्रहण के मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कराये जाने के मामले में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने तहसील सदर में हल्ला बोल प्रदर्शन किया। भाकियू कार्यकर्ताओं ने तहसील पहुंचकर गेट पर कब्जा जमा लिया और ट्रैक्टर ट्राली के साथ एसडीएम सदर कार्यालय का घेराव करते हुए वाहन कार्यालय के बाहर खड़े करते हुए एसडीएम सदर को उनके कार्यालय में बंद कर दिया। किसान एसडीएम कार्यालय पर धरने पर बैठ गये। भाकियू नेताओं ने आरोप लगाया कि एसडीएम सदर ने किसानों को लेकर अभद्र टिप्पणी की है और किसानों को चोर उचक्का बताया है। भाकियू नेताओं ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस होने तक आंदोलन चलाने का ऐलान करते हुए प्रशासन को चेताया है। भाकियू अराजनैतिक के मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान के नेतृत्व में बुधवार को सवेरे यूनियन के सैंकड़ों कार्यकर्ता और किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर तहसील सदर का घेराव करने के लिए पहुंचे, तो हड़कम्प मच गया। एसडीएम सदर कार्यालय के गेट को कर्मचारियों ने किसानों को रोकने के लिए बंद किया तो वहां पर हंगामा खड़ा हो गया। यूनियन के नेताओं के साथ किसान मुख्य गेट पर ही अपने वाहनों को खड़ा करते हुए गेट के ऊपर से कूदकर अंदर आये। वहीं दूसरे गेट पर भी ट्रैक्टर ट्राली लगाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया। इसके साथ ही किसानों ने ट्रैक्टर एसडीएम कार्यालय के बाहर ही खड़ा कर कार्यालय का रास्ता भी बंद कर दिया, जिस समय किसान अपने वाहनों के साथ प्रदर्शन करने के लिए तहसील सदर में घुसे तो एसडीएम सदर परमानंद झा अपने ही कार्यालय में मौजूद थे और कामकाज निपटा रहे थे। किसानों ने उनको कार्यालय में ही बंद कर दिया और वहीं पर घेराव करते हुए धरना शुरू कर दिया। किसानों को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष अंकित चौधरी ने कहा कि जनपद में पुलिस और प्रशासनिक अफसर बेलगाम हो रहे हैं। किसानों की समस्याओं को निपटाने के बजाये किसानों को ही प्रताड़ित किया जा रहा है। किसानों को नलकूपों को मीटर लगाने के लिए विवश किया जा रहा है। किसान नलकूपों पर हो रही चोरी को लेकर परेशान है और पुलिस प्रशासन लगातार हो रही इन चोरियों को रोकने के लिए काम करने के बजाये उल्टे किसानों को ही चोर साबित करने का काम कर रहा है। आज किसानों पर अपनी ही भूमि बचाने के लिए मुकदमे झेलने के लिए विवश होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गन्ना का बकाया भुगतान सबसे बड़ी समस्या है, लेकिन अफसर मौन हैं और मिल प्रशासन मदमस्त होकर किसानों का उत्पीड़न कर रहा है। मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान ने कहा कि जनपद में एनएच-709 के निर्माण और रेलवे के द्वारा निर्मित किये जा रहे डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर यडीएफसीसीद्ध के तहत गांव जट नंगला के काफी किसानों की भूमि अधिग्रहित की गयी, इनमें कई किसानों को मुआवजा दिया नहीं गया और उन पर मुकदमे दर्ज करा दिये गये हैं। यह उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। नीरज ने बताया कि इसी को लेकर कल शाम उनके द्वारा एसडीएम सदर परमानंद झा से फोन पर वार्ता की गई और किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस कराये जाने का आग्रह किया गया। आरोप लगाया कि एसडीएम सदर ने मुकदमे की कार्यवाही को सही ठहराते हुए किसानों को चोर उचक्का बताया। एक अफसर का यह रवैया गैर जिम्मेदार है। इसी को लेकर किसानों में रोष है। उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमे जब तक वापस नहीं होंगे यह आंदोलन जारी रखा जायेगा और तहसील में कामकाज नहीं होने देंगे। भाकियू अराजनैतिक ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस कराने, नलकूपों पर हो रही चोरियों को रोकने और खोलने के साथ ही जनपद में लम्पी वायरस को रोकने के लिए जल्द ही वैक्सीनेशन प्रारम्भ कराये जाने की मांग की है। वहीं किसानों के इस प्रदर्शन के कारण तहसील में सारी व्यवस्था बाधित रही। किसान अपने पूरे ताम झाम के साथ तहसील पहुंचे। किसानों के प्रदर्शन के चलते एसडीएम सदर को घंटों तक अपने ही कार्यालय में बंधक रहना पड़ा, जिसके कारण यहां पर पुलिस फोर्स को भी तैनात कर दिया गया। प्रदर्शन मुख्य रूप से अंकित चौधरी, नीरज पहलवान, युवा जिलाध्यक्ष अक्षय त्यागी, राजीव बालियान, सुधीर पहलवान, ठा. कुशलवीर सिंह, बलवन्द ठाकुर, दुष्यंत सहरावत, पीयूष पंवार और नौशाद अली सहित सैंकड़ों किसान मौजूद रहे।