अपना मुज़फ्फरनगर
सीएम योगी से की ग्राम पंचायतों का बजट बढाने की मांग

मुजफ्फरनगर। विभिन्न गांवों के प्रधानों ने डीएम कार्यालय के समक्ष धरना देकर सीएम के नाम एडीएम एफ को ज्ञापन दिया। प्रधान संगठन से जुड़े सदस्यों ने सीएम को संबोधित ज्ञापन में मांग की गांव में विकास कार्य निर्बाध कराने के लिए सामग्री आदि के दाम बढाए जाएं। गांव में स्कूल, पंचायत घर तथा अस्पताल के बिजली बिलों की व्यवस्था सरकार करे। इसके अलावा उच्चाधिकारियों की संस्तुति के बिना ग्राम प्रधानों के विरुद्ध झूठी एफआइआर न की जाए। सोमवार को विभिन्न गांवों के प्रधानों ने अखिल भारतीय ग्राम प्रधान संगठन के बैनर तले धरना दिया। प्रधान संगठन अध्यक्ष चा. सतीश बालियान ने कहा कि प्रधानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति ब्लैकमेल करने के लिए ग्राम प्रधानों के विरुद्ध झूठी एफआइआर करा देता है। मांग की गई कि बिना उच्चाधिकारियों की संस्तुति ग्राम प्रधानों पर एफआइआर न की जाए। महंगाई के चलते विकास कार्य बाधित हो र हा है। मैटिरियल के दाम बढ गए हैं लेकिन सरकार बाजार भाव के अनुसार पेमेंट नहीं कर रही। उन्होंने मांग की कि बिल्डिंग मैटिरियल के दाम बढाने के साथ ही ग्राम पंचायतों की निधी में से की गई 30 प्रतिशत कटौती को समाप्त किया जाए। प्रधानमंत्री आवासीय योजनाओं को शहरी तर्ज पर विकसित किया जाए। गांव में स्थित शिक्षण तथा स्वास्थ्य संस्थाओं में सफाई कर्मचारी की नियुक्ति अलग से की जाए। महंगाई के मद्देनजर ग्राम प्रधानों के मानदेय में वृद्धि की जाए। अखिल भारतीय ग्राम प्रधान संगठन ने सीएम को भेजे गए 10 सूत्रीय ज्ञापन में प्रधानों को टेलीफोन भत्ता दिये जाने की भी मांग की। इस मौके पर लियाकत अली, अनुज, नरेन्द्र सैनी, चंगेज खां, जियाउद्दीन, गय्यूर, प्रमोद सैनी आदि ग्राम प्रधान शामिल रहे।
ज्ञापन लेने आया हूं पंचायत में शामिल होने नहीं: एडीएम
अखिल भारतीय ग्राम प्रधान संगठन ने विभिन्न मागों के लिए डीएम कार्यालय पर धरना देकर ज्ञापन दिया। धरना स्थल पर प्रधान से ज्ञापन लेने पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट अनूप सिंह को प्रधानों ने ज्ञापन देने से इंकार कर दिया और डीएम को मौके पर बुलाने की मांग की। इस दौरान डीएम कार्यालय से चले गए तो एडीएम एफ अरविंद मिश्रा ने ज्ञापन लेने धरना स्थल पर पहुंचे। ग्राम प्रधानों ने उन्हें धरने पर बैठने के लिए कहा। लेकिन एडीएम एफ अरविंद मिश्रा ने साफ कहा कि वह वहां ज्ञापन लेने पहुंचे हैं, उनकी पंचायत में शामिल होने नहीं। जिसके बाद एडीएम एफ ज्ञापन लेकर लौट गए।