हिंदी उर्दू साहित्यिक संस्था समर्पण की रचनात्मक काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

मुज़फ़फ़रनगर। हिंदी उर्दू साहित्यिक संस्था समर्पण की एक रचनात्मक काव्य गोष्ठी का आयोजन काशाना-ए-क़मर केवलपुरी में हुआ,जिसकी अध्यक्षता ईशवर दयाल गुप्ता व संचालन संरक्षक समर्पण शायर अब्दुल हक़ सहर ने किया, कवियों और शायरों नेअपनी बेहतरीन रचनाऔं से गोष्ठी को सफ़ल बनाया,
उस्ताद शायर अब्दुल हक़ सहर ने सब का परिचय कराया, संयोजक सलामत रही ने सब का आभार व्यक्त किया, श्रोताऔं ने रचनाओं का आनंद लिया।
डा०ताहिर क़मर ने कहा…
**अब ज़ुल्म की तारीख़ भला कोन लिखेगा,
जब ज़ुल्म को लिखने में क़लम टूट रहे हैं**
सलीम जावेद बोले,
*कहां है रोशनी अक्सर सवाल करते हैं,
अंधेरी रात के मंज़र सवाल करते हैं,*
डा०वीना गर्ग ने मशवरा दिया,
*सम्बन्धों पर जमी धूल की परतें आज उतरने दो,
स्नेह सुधा से जीवन गगरी,मत रोको तुम भरने दो,*
अरशद ज़िया ने फ़रमाया,
*थे हम सफ़र तो राह में दिलबर नहीं मिला,
आंसू जो रोक दे वो प्लम्बर नहीं मिला,*
विजया गुप्ता ने कहा,
नीव के पत्थर हैं बुज़ुर्ग मशवरा इन से आप ज़रूर लीजिए,
तजुर्बौ की खान हैं, ज़िंदगी के,इनका एहतराम कीजिए।।
संयोजक सलामत राही ने दर्द बयान किया,
नीम और पिलखन के साये थे कल तक घर के सहनौं में,
छत ,छजजौं पर उगते हैं अब तो पोंधे गमलों में।।
सुशीला शर्मा का यह शेअर बहुत पसंद किया गया,
*तुम से मिलने की मुद्दत से थी आरज़ू,
दिल धड़कने लगा,आंख नम हो गई।।
मुस्तफ़ा कमाल ने शिकायत की,
*उनके नाम आने लगे आज वफ़ादारों में,
जिनके ईमान ख़रीदे गये दीनारों में,*
जुनैद अज़हर बोले,
*जो काम तूने किया वो मेरे ख़िलाफ़ किया,
में जानता हूं मगर जा तुझे मुआफ़ किया,*
अनिल धीमान पोपट ने *कोरोना काल से हुआ अपना हाल बताया,
*तीन महीने जो करता रहा चूल्हा चौका
लगने लगा था ऐसा जैसे में ज़नाना होगया,*
सपना अग्रवाल नेअपनी रचना से एहसासात को उजागर किया,
*जो ख़्याल उठे जो भाव जगे उन्हें शब्दों में ढल जाने दो,
ये यादो की ययावरी है इन्हें शब्द बन पिघल जाने दो,*
सुनीता सोलंकी मीना ने अपनी कामयाब ग़ज़ल से गोष्ठी को ऊंचाई प्रदान की,
अध्यक्षता कर रहे ईश्वर दयाल गुप्ता ने कहा,
*होनी का हादसा टाले नहीं टला,
सारी चिंताएं जल गईं में नहीं जला,*
अब्दुल हक़ सहर ने इस बात पर ख़ूब वाहवाही लूटी,
*हैं मेरे इर्द गिर्द सियासत के दायरे,
फिर भी बना रहा हूं मोहब्बत के दायरे,*
इनके अलावा कवि राम कुमार रागी, कवित्री सुनीता सोलंकी मीना,डा०आस मोहम्मद अमीन,और सपना अग्रवाल की रचनाएं श्रोताओं ने बहुत पसंद की,अंत में संयोजक सलामत राही ने सब का आभार व्यक्त किया।