हल्द्वानी में फिलहाल नहीं चलेगा बुल्डोजर, गफूर बस्ती के 5000 परिवारों को “सुप्रीम” राहत
नई दिल्ली । हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर बसी गफूर बस्ती से हुए अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सर्वोच्च अदालत ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें उसने गफूर बस्ती में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बस्ती में रहने वाले करीब 50 हजार लोगों को राहत मिली है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौराना गफूर बस्ती में दुआओं का दौर शुरू हो गया था। सड़क पर सैकड़ों की संख्या में बैठकर महिलाएं अपने हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की दुआ कर रही थींं। अब इनकी दुआएं कुबूल हो गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि गफूर बस्ती में अतिक्रमण हटाने से करीब 50 हजार परिवार प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिसर एक्ट के तहत यह कार्रवाई मान्य नहीं है। दूसरी ओर उत्तराखंड सरकार का कहना है कि गफूर बस्ती रेलवे की जमीन पर बसी है। यहां रहने वाले लोगों ने रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण किया है।
ये न्याय की जीत है, इंसानियत की जीत है।
हल्द्वानी के लोगों से सर से छत नहीं छीनी जायेगी, बच्चों के स्कूल नहीं टूटेंगे, अस्पताल नहीं टूटेगा, मंदिर मस्जिद धर्मशाला नहीं टूटेगी।
शुक्रिया माननीय उच्चतम न्यायालय pic.twitter.com/gGN1saLPea— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) January 5, 2023
7 दिन के भीतर कैसे अतिक्रमण हटाने को कह सकते हैं: जस्टिस
सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि इस मामले को मानवीय नजरिए से देखना चाहिए। हम सात दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने का आदेश कैसे दे सकते हैं। लोगों के घरों को ध्वस्त करने से पहले पुनर्वास का काम कराया जाना चाहिए। कुछ लोगों के पास 1947 के समय के जमीन पट्टे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि गफूर बस्ती की कितनी जमीन राज्य सरकार की है और कितनी रेलवे की?
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय ओका की खंडपीठ ने कहा कि इनका मूल्यांकन किया जाना चाहिए और उन्हें हटाए जाने से पहले उनके पुनर्वास की योजना तैयार की जानी चाहिए.
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) January 5, 2023
27 दिसंबर को कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का दिया था निर्देश
बीते 27 दिसंबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में स्थित गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर अतिक्रमण हटाने को कहा था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद से ही गफूर बस्ती में रहने वाले लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनका परिवार यहां परदादा और दादा के जमाने से रहता आया है। उत्तराखंड सरकार पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था करे, उसके बाद ही बस्ती खाली कराए। हाईकोर्ट ने गफूर बस्ती के लोगों से अपने लाइसेंसी हथियार भी जमा कराने का आदेश दिया था।